रंका प्रखंड के पुरेगाड़ा गांव में मेसर्स मां भगवती ट्रेडर्स को पत्थर खनन का पट्टा निर्गत करने के लिए जमीन का गलत प्रतिवेदन देने पर राजस्व कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है. जबकि आउट सोर्सिंग पर बहाल अमीन को कार्यमुक्त कर दिया गया है. उपायुक्त शेखर जमुआर ने तत्कालीन अंचल पदाधिकारी एवं अंचल निरीक्षक के खिलाफ विभागीय कारवाई की अनुशंसा की है. पूर्व में भी दो बार निवर्तमान अंचल अधिकारी, अंचल निरीक्षक, राजस्व उप निरीक्षक एवं अंचल अमीन द्वारा जिला को इसी तरह की गलत अनुशंसा की गयी थी. लेकिन तीसरी बार भी इसी प्रतिवेदन को सही मानकर संबंधित पार्टी को लीज आवंटित करने की अनुशंसा कर दी गयी. इस मामले को लेकर पूरेगाड़ा के ग्रामीणों ने जमीन का गलत प्रतिवेदन देने संबंधी शिकायत उपायुक्त से की थी. इस आलोक में उपायुक्त ने अंचल अधिकारी रंका से स्थल जाँच कर सुस्पष्ट प्रतिवेदन की मांग की थी. तीसरी बार अंचल कार्यालय रंका से प्राप्त प्रतिवेदन से स्पष्ट हुआ कि पूर्व में दो बार अंचल कार्यालय रंका से स्थल का गलत प्रतिवेदन दिया गया. वहीं इसके आधार पर मेसर्स मां भगवती ट्रेडर्स को पत्थर खनन पट्टा निर्गत करने की स्वीकृति प्रदान की गयी थी. गलत प्रतिवेदन देकर खनन पट्टा प्रभावित करने में रंका अंचल अमीन नवल तिवारी, राजस्व कर्मचारी विकास कपरदार, तत्कालीन अंचल निरीक्षक रंका राजकुमार प्रजापति एवं अंचल पदाधिकारी शंभू राम दोषी पाये गये हैं. इन्हीं के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की गयी है.
जबकि एक ही खाता, प्लॉट एवं रकबा के लिए राजस्व उपनिरीक्षक विकास कपरदार द्वारा अलग-अलग प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के आरोप में उसे झारखंड सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली-2016 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनका मुख्यालय अंचल कार्यालय खरौंधी निर्धारित किया गया है. वहीं तत्कालीन अंचल अधिकारी रंका शंभू राम एवं तत्कालीन अंचल निरीक्षक रंका राजकुमार प्रजापति के खिलाफ आरोप-पत्र गठित कर कार्रवाई करने की अनुशंसा राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग को की गयी है.
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