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छह थानेदारों की कार्यशैली पर मुख्यालय की तल्ख टिप्पणी

जिले की पुलिस पर वैसे तो नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और आम लोग कई तरह के आरोप लगाते रहते हैं. लेकिन, जब पुलिस मुख्यालय थानेदारों की कार्यशैली पर आरोप जैसी टिप्पणी करे, तो मामला गंभीर और सोचनीय हो जाता है.

सासाराम ग्रामीण. जिले की पुलिस पर वैसे तो नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और आम लोग कई तरह के आरोप लगाते रहते हैं. लेकिन, जब पुलिस मुख्यालय थानेदारों की कार्यशैली पर आरोप जैसी टिप्पणी करे, तो मामला गंभीर और सोचनीय हो जाता है. गत दिनों पुलिस मुख्यालय ने जिले के छह थानों के थानेदारों के रवैये पर तल्ख टिप्पणी करते हुए एसपी को इनके विरुद्ध संज्ञान लेने का निर्देश दिया है. पुलिस मुख्यालय सूत्रों के अनुसार, जिले के करगहर, शिवसागर, राजपुर, नटवार, डालमियानगर और कोचस के थानेदारों की कार्यशैली पर पुलिस मुख्यालय ने गंभीर टिप्पणी की है. पुलिस मुख्यालय ने बिंदुवार टिप्पणी में उक्त थानाध्यक्षों के बारे में कहा है कि ये सनहा या एफआइआर के लिए लोगों को दौड़ाते हैं. चोरी जैसी घटनाओं में भी घटनास्थल पर न खुद जाते हैं और न आइओ को भेजना सुनिश्चित करते हैं. घंटों थाने में पीड़ित को बैठाये रखते हैं और ओडी का जवाब होता कि प्रभारी के आने तक रुकिए. यहां तक की इंज्यूरी भी मुश्किल से देते हैं. इनसे मिलना बहुत मुश्किल है. इनका थाने पर बैठने का कोई निश्चित समय नहीं है. यहां तक कि ऑफिस में रहने के बावजूद ओडी वाले को बोल रखे हैं कि मेरे तक किसी को मत आने देना. कॉल करने पर फोन नहीं उठाते हैं और न ही कॉल बैक करते हैं. इनके थाने के गश्ती प्रभारी बिना पैसे लिये किसी घटनास्थल पर जाते नहीं हैं. चाहे उनको खुद थाना प्रभारी अविलंब जाने को बोल दें. इन थाना प्रभारियों के सुस्त और गैर पेशेवर रवैये के बारे में काफी जनाक्रोश है, जो जांच प्रतिवेदन में परिलक्षित होता है.

मुख्यालय ने अलग-अलग थानेदार के विरुद्ध की है टिप्पणी

करगहर थाना – करगहर थाने में प्राथमिकी नहीं हो रही है. चोरी, गृहभेदन, मारपीट में एफआइआर के लिए पब्लिक दौड़ रही है. थानाध्यक्ष पब्लिक को रिस्पांस देना उचित नहीं समझते. टरका देने की प्रवृत्ति है. मिलने से परहेज करने की कोशिश करते हैं.

नटवार थाना- थानेदार का नटवार थाने पर कोई नियंत्रण नहीं है. जिस पदाधिकारी को जो मर्जी वह कर दे रहा है. कोई झोंपड़ी उजाड़ देने में जाता है, तो कोई घर में घुस कर पिटाई कर देता है.

डालमियानगर थाना- डालमियानगर थाने में फोन नहीं उठाना. थाने में थाना प्रभारी के आये बिना न रिसीविंग मिलना और न ही सनहा या प्राथमिकी दर्ज होना.

राजपुर थाना- राजपुर थाने में प्राथमिकी नहीं होना और जनता को बैठाये रखना इनकी कार्यशैली में शुमार है.

कोचस थाना- कोचस थाने में सुस्त कार्यप्रणाली है. थाने में चरित्र, सनहा और प्राथमिकी के लिए अवैध गतिविधि है. माफिया से थाने के पदाधिकारी की मिलीभगत है.

शिवसागर थाना-शिवसागर थानाध्यक्ष पर जमीन विवाद के मामलों में पक्षपात करने के साथ कई अन्य आरोप लगे हैं.

क्या कहते हैं अधिकारी

एसपी विनीत कुमार को तीन बार फोन करने के बाद भी कॉल रिसीव नहीं हुआ. वाट्सएप पर प्रतिक्रिया के लिए सूचना भेजने के करीब 24 घंटे तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी. वहीं, शाहाबाद प्रक्षेत्र के डीआइजी नवीनचंद्र झा ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी या निर्देश एसपी के पास आता है. एसपी से जानकारी लूंगा. अगर ऐसा है, तो कार्रवाई जरूर होगी.

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