कोलकाता. आरजी कर मामले में पीड़िता के पिता ने रासबिहारी स्थित धरना मंच पर जाकर कई बड़े सवाल उठाये. उन्होंने कहा : सबसे पहले अस्पताल से आत्महत्या की सूचना मिली थी. इतने लोगों की भीड़ देखकर मैं समझ गया कि मुझे न्याय मिलेगी. उम्मीद है. पर न्याय मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा. यह बात पीड़िता के पिता ने रासबिहारी में प्रदर्शनकारियों के मंच पर कहीं. इस दिन पीड़िता के पिता ने कहा : उस दिन रात 11:15 बजे बेटी से बात हुई थी. भोजन करने को लेकर दोनों के बीच बात हुई. बताया कि उनकी बेटी ने अपने साथी चिकित्सकों के साथ भोजन भी किया. पिता ने कहा कि 24-36 घंटे की लगातार ड्यूटी मेरी बेटी के लिए कोई नयी बता नहीं थी. हर जूनियर डॉक्टर को ऐसा करना होता है. सेवा देना ही उनका मुख्य धर्म होता है. पिता ने बताया कि अगले दिन सुबह 11 बजे हमें पता चला कि मेरी बेटी ने आत्महत्या कर ली. जहां वह मरीजों को बचाने गयी थी, वहीं उसकी जान चली गयी. पर बाद हमें पता चलता है बेटी ने आत्महत्या नहीं की है. दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गयी. उन्होंने कहा कि अस्पताल में रात में भी जूनियर डॉक्टरों के साथ अन्य स्वास्थ्य कर्मी सह सुरक्षा कर्मी जगे होते हैं. पर कैसे घटनावाले दिन किसी भी चिकित्सक या दूसरे स्टॉफ को भनक नहीं लगी.
पिछले एक महीने से इस तरह के प्रश्न मेरे मन में घूम रहा है. मेरे इस सवाल का कोई जवाब नहीं मिल रहा है.
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