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सामूहिक प्रयास से जिले के असाक्षरों को साक्षर बनायेगा विभाग

अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर जिलास्तरीय कार्यक्रम आयोजित, बोले क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक

प्रतिनिधि, दुमका अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर जिला साक्षरता समिति दुमका के तत्वावधान में जिला स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संताल परगना के क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक डॉ गोपाल कृष्ण झा ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के तहत संचालित नवभारत साक्षरता कार्यक्रम का अपना महत्व है. इसके तहत असाक्षरों को साक्षर करने की जिम्मेदारी भी शिक्षा विभाग की है. इसके लिए हम सभी को सामूहिक प्रयास करना होगा. विशिष्ट अतिथि जिला शिक्षा पदाधिकारी दुमका सुशील कुमार ने कहा नवभारत साक्षरता कार्यक्रम का स्वरूप पहले के साक्षरता कार्यक्रमों से अलग है, जो डिजिटल माध्यम पर आधारित है. इस कार्यक्रम को गंभीरता से लेना होगा, तभी ये सफल होगा. जिला शिक्षा अधीक्षक सह सचिव जिला साक्षरता समिति आशीष कुमार हेंब्रम ने स्वागत संबोधन और जिला साक्षरता समिति के तहत नवभारत साक्षरता कार्यक्रम अंतर्गत जिले में संचालित कार्यक्रम एवं गतिविधियों के साथ उसकी उपलब्धियों पर चर्चा की. कहा कि जिले में साक्षरता कार्यक्रमों का अपना गौरवशाली इतिहास रहा है. उसी कड़ी में वर्ष 2022 से नवभारत साक्षरता कार्यक्रम यहां संचालित है, जिसके तहत 15 प्लस वयस्क असाक्षरों को साक्षर को करने का लक्ष्य है. झारखंड शिक्षा परियोजना के एडीपीओ सुमंत कुमार ने 90 के दशक के साक्षरता कार्यक्रमों एवं उसकी उपलब्धियों से लोगों का परिचय कराया. एपीओ मनोज कुमार अंबष्ट ने दुमका जिले में साक्षरता कार्यक्रमों के इतिहास के बारे में बताया. वर्ष 2010 से 2018 तक चले साक्षर भारत कार्यक्रम,2021-22 में चले पढ़ना लिखना अभियान और नीति आयोग द्वारा संचालित महिला साक्षरता कार्यक्रम के बारे में विस्तार से चर्चा की. जिला कार्यक्रम समन्वयक अशोक सिंह ने उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के स्वरूप,लक्ष्य और मिशन विजन के साथ साथ उसके तहत संचालित विभिन्न कार्यक्रम एवं गतिविधियों से प्रतिभागियों को अवगत कराया और इसमें सहयोग एवं सहभागिता निभाने का अनुरोध किया. डायट प्रतिनिधि मधुश्री ने कहा कि नवभारत साक्षरता कार्यक्रम सबके लिए शिक्षा की अवधारणा पर आधारित है. एनएसएस की नोडल पदाधिकारी व मयूराक्षी कॉलेज रानेश्वर की प्राध्यापिका रुपम कुमारी ने कहा हम अपने एनएसएस की टीम के साथ साक्षरता कार्यक्रम में सहयोग और सहभागिता के लिए तैयार हैं. मौके पर प्रखंडों से बीइइओ, बीआरपी, सीआरपी, शिक्षक प्रतिनिधि, स्वयंसेवक शिक्षक और ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आये महिला पुरुष असाक्षर शामिल थे. टोला स्तर पर साक्षरता केंद्र का हो रहा संचालन : बीइइओ रानीश्वर की बीइइओ ने कहा कि प्रखंड स्तर पर हमलोग बीआरपी सीआरपी और शिक्षकों के माध्यम से नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत असाक्षरों को साक्षर करने के लिए गांव व टोला स्तर पर साक्षरता केंद्र का संचालन कर रहे हैं. महिला साक्षरता कार्यक्रम में प्रखंड स्तर पर बेहतर कार्य करने वाले कई एमटी को और गांव टोला स्तर पर केंद्र संचालित कर असाक्षरों को साक्षर करने वाली महिला अनुदेशकों को साक्षर भारत अवार्ड से सम्मानित किया गया. दूसरी ओर जिला स्तर पर झारखंड शिक्षा परियोजना के एपीओ व साक्षर भारत कार्यक्रम के पूर्व मुख्य कार्यक्रम प्रबंधक मनोज कुमार अम्बष्ट को भी जिला स्तर पर बेहतर प्रबंधन के लिए सम्मानित किया गया. इस कड़ी में नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत स्वयं सेवक शिक्षक के रूप में काम कर रहे वीटी को पहचान-पत्र दिया गया. उल्लास जन चेतना केंद्र संचालन के लिए शिक्षण सामग्री का भी वितरण किया गया.

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