खेतों में पड़ी रही दरारें, नहीं सुन रहे परियोजना के जिम्मेदार
संवाददाता , गालूडीहअगस्त में रिकाॅर्ड बारिश हुई, पर सितंबर में सप्ताह भर से वर्षा नहीं होने व तेज धूप से खेत सूखने लगे हैं. वहीं, घाटशिला प्रखंड की बड़ाकुर्शी पंचायत के गांवों के किसानों को शाखा नहर से भी पानी नहीं मिल रहा है. यहां के किसान वर्षा के भरोसे ही हैं. गुड़ाझोर से निकली शाखा नहर का पानी काशिया तक आ रहा है. जहां से बड़ाकुर्शी के काड़ाधोरा, छोटाकुर्शी, बड़ाकुर्शी, आमचुड़िया आदि गांवों तक नहीं जा रहा है. जबकि अभी धान फसल को सिंचाई की जरूरत है. पानी के अभाव में खेत सूखने लगे हैं. कई खेतों में दरारें पड़ गयी हैं. जिससे किसान हताश और परेशान हैं. किसान सुवर्णरेखा परियोजना के अभियंता से गुहार लगाकर थक गये. पर कोई सुन नहीं रहा. रविवार शाम को काफी दिनों बात थोड़ी वर्षा हुई. इससे पानी से वंचित किसानों को थोड़ी राहत जरूर मिली.
कुछ दिन पहले लगाये गये धान के पौधे पीले पड़ने लगे
किसान कृष्ण चंद्र महतो, सत्य रंजन महतो, सनातन महतो, रतन महतो, कालीपद महतो, देबू महतो, अबनी महतो, नटवर महतो, शंकर महतो, रंगलाल महतो, साधन महतो, रसोराज महतो, सुभाष महतो, गुणधर महतो, लखी कर्मकार, विमल महतो, आशीष महतो ने कहा कि विभागीय लापरवाही के कारण धान के खेतों में पानी की कमी से खेतों में दरारें पड़ने लगी हैं. कुछ दिन पहले लगाये गये धान के पौधे पीले पड़ने लगे हैं. जिससे किसानों की चिंता बढ़ने लगी है. पानी की कमी से क्षेत्र में सुखाड़ जैसी स्थिति बनी हुई है. समस्या को लेकर कई बार जेई से बात की गयी लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला. खेती के लिए कई किसानों ने कर्ज लिया था. किसानों को अब कर्ज चुकाने की चिंता सता रही है. अब किसानों के पास एक ही विकल्प बचा है कि वे डीजल पंप सेट से सिंचाई करें, जो कि काफी महंगा साबित हो रहा है.
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