संवाददाता,पटना केंद्र और राज्य सरकार मिलकर नशीली दवाओं (ड्रग्स) की तस्करी के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस नीति’पर काम कर रही है.अबतक नार्को एजेंसियों के बीच समन्वय और व्यापक जनजागरूकता अभियान की तीन सूत्रीय रणनीति पर नशामुक्त भारत अभियान के तहत कई महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं. बिहार में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई नार्को को-ऑर्डिनेशन सेंटर (एनसीओआरडी) की बैठक के बाद ड्रग्स तस्करों के खिलाफ कार्रवाई काफी तेज हो गयी है.नतीजतन पिछले कुछ महीनों में 20 करोड़ से अधिक मूल्य के ड्रग्स पकड़ी गयी है और एक दर्जन से अधिक तस्करों की गिरफ्तारी हुई है.पकड़ी गयी नशीली दवाओं में हेरोइन,चरस और मेथामफेटामाइन तक शामिल है. क्या है एनसीओआरडी : नार्को को-ऑर्डिनेशन सेंटर (एनसीओआरडी) का उद्देश्य मादक पदार्थों की तस्करी और दुरुपयोग से निबटने में शामिल विभिन्न केंद्रीय और राज्य सरकार की एजेंसियों के प्रयासों में समन्वय और तालमेल स्थापित करना है. ताकि नशीली दवाओं (ड्रग्स) की तस्करी के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ पर अमल हो सके. एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन : ड्रग्स तस्करों के खिलाफ सभी स्तरों पर सभी हितधारकों की नियमित एनसीओआरडी बैठकें, गतिविधियों और बेस्ट प्रैक्टिस को साझा करने के लिए एक समर्पित केंद्रीकृत एनसीओआरडी पोर्टल की शुरुआत की गयी है. साथ ही विशेष बड़े मामलों, जिनका अन्य अपराधों और अंतरराष्ट्रीय प्रभावों के संबंध में समन्वय के लिए एक संयुक्त समन्वय समिति का गठन भी शामिल है. साथ ही हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में एक एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एनएनटीएफ) का गठन करना है.
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