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Bihar News: इंडो-नेपाल बॉर्डर पर खुलेआम हो रही तस्करी, चावल से स्मैक तक हर चीज के रेट फिक्स

Bihar News: अररिया के कुर्साकांटा से सटे मेघा-असराहा, सिकटी के सीमावर्ती इलाकों में तस्कर बेखौफ होकर तस्करी कर रहे हैं. चावल से लेकर मादक पदार्थ तक हर चीज मोटरसाइकिल से सीमा पार पहुंचाई जा रही है. तस्करों ने हर सामान का रेट भी फिक्स कर रखा है और इसकी सूचना देने वालों को धमका भी रहे हैं. सीमा पर तस्करी का यह खेल कैसे चल रहा है, पढ़िए अररिया से मृगेंद्र मणि सिंह की खास रिपोर्ट...

Bihar News: अररिया जिले के भारत व नेपाल की खुली सीमा इन दिनों तस्करों खुली छूट मिल गयी है. तस्करी के लिए हरेक का रेट तय है. यदि किसी ने इसकी सूचना ऊपर तक पहुंचायी, तो उसकी खैर नहीं है. सूचना देने वालों को सार्वजनिक रूप से धमकी दी जाती है. उनसे कहा जाता है कि हमलोगों का कोई कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा. सबका रेट तय कर दिये हैं. ज्यादा हिरिंग-भिरिंग करोगे, तो जान से हाथ धोना पड़ेगा और तुम्हें ही तस्करी के मामले में फंसा देंगे.

प्रभात खबर के पास कई वीडियो व फोटो उपलब्ध है, जिसमें तस्करों की करतूत देखी जा सकती है. इन वीडियो में कुर्साकांटा प्रखंड के सोनामनी गोदाम, डुमरिया, सिकटिया, लैलोखर, कुआड़ी का मेघा-असराहा, सिकटी प्रखंड का मजरख, लेटी-भुलानी, सिकटी व सैदाबाद की सीमा पर खुलेआम तस्करों को साइकिल व बाइक पर चावल, प्याज, चीनी आदि लाद कर नेपाल ले जाते हुए देखा जा सकता है.

विरोध करने वालों को देते हैं धमकी

तस्करों का हौसला ऐसा बुलंद है कि अगर कोई विरोध करता है, तो उन्हें जान से मारने की धमकी तक दी जाती है. अगर स्थानीय नागरिक इसकी सूचना एसएसबी स्थानीय कैंप प्रभारी को देते हैं, तो इसकी सूचना तस्करों तक पहुंच जाती है. सूचना देने वालों को धमकी का सामना करना पड़ता है. नतीजा अब स्थानीय लोग मीडिया तक से संपर्क स्थापित कर उन्हें तस्करों के कारनामे की वीडियो व तस्वीरें उपलब्ध करा रहे हैं. ग्रामीण एसएसबी व अररिया एसपी से तस्करी पर लगाम लगाने की मांग कर रहे हैं.

सीमावर्ती क्षेत्रों में लगातार हो रही स्मैक व गांजा की बरामदगी

अररिया सदर अस्पताल के निकट रहने वाली एक महिला को जोगबनी के अंदर नेपाल पुलिस ने 100 ग्राम ब्राउन शुगर के साथ शुक्रवार को गिरफ्तार किया. वहीं गुरुवार को नरपतगंज के फुलकाहा सीमा पर डेढ़ क्विंटल गांजा की बरामदगी हुई है. यही नहीं पिछले एक माह का रिकॉर्ड खंगाला जाये तो एक माह के अंदर भारी मात्रा में स्मैक के अलावा गांजा की बरामदगी की गयी है. पूर्णिया के गुलाबबाग से लाये गये चावल को बाइक व साइकिल पर लाद कर नेपाल ले जाया जाता है.

चावल की तस्करी पर मिलता है 300 रुपये प्रति क्विंटल

बता दें कि जो लोग चावल ढोने का काम करते हैं, उन्हें प्रति क्विंटल 300 रुपये का भुगतान किया जाता है. लाइनर की भूमिका में मौजूद लोग एसएसबी व पुलिस को मैनेज करने के एवज में भी 150 रुपये का भुगतान लेते हैं. चावल की तस्करी के साथ ही बंद बोरों में मादक पदार्थों की तस्करी को तस्कर अंजाम देते हैं. सिकटी निवासी आफताब आलम, बिरेंद्र कुमार साह, रवि कुमार दास आदि ने बताया कि चावल की तस्करी को रोकने की दिशा में एसएसबी व पुलिस को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, जिस प्रकार से चावल की तस्करी हो रही है उससे भारतीय बाजारों में चावल किल्लत होगी व भारत को वैधानिक रूप से मिलने वाले राजस्व का भी भारी नुकसान हो रहा है.

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सूचना मुझे भी मिली है, की जायेगी कार्रवाई

सीमा वर्ती क्षेत्र में चावल की तस्करी की सूचनाएं मिल रही हैं, कार्रवाई भी की जा रही है. सीमावर्ती एजेंसियों से तालमेल स्थापित कर सीमावर्ती क्षेत्र के स्टॉकिस्ट व तस्करों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी.

-अमित रंजन, एसपी अररिया

सीमावर्ती क्षेत्र में तस्करी रोकने के लिए प्रशासनिक मदद भी आवश्यक

भारत-नेपाल के बीच बेटी रोटी के संबंध के कारण घरेलू उपयोग की वस्तुओं को कुछ हद तक रोक पाने में परेशानी आती है, लेकिन अगर सामग्री को ज्यादा मात्रा में ले जाया जायेगा तो उस पर रोक लगायी जाती है. सीमा पर चावल जैसे खाद्य सामग्री के तस्करी पर रोक लगाने के लिए स्थानीय प्रशासन की मदद आवश्यक है, क्योंकि तस्कर सीमावर्ती क्षेत्रों में खाद्य सामग्री का स्टॉक कर उन्हें कम मात्रा में सीमा से पार कराते हैं, जिसकी सूचना डीएम व एसपी को भी पत्र के माध्यम से दी गयी है, एसएसबी उनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं कर पाती है, अगर प्रशासनिक सहयोग मिले तो ऐसे स्टॉकिस्ट के विरुद्ध कार्रवाई कर हम तस्करी पर रोक लगा सकते हैं. इसके लिए प्रशासन को जहां भी मदद की आवश्यकता होगी उन्हें मदद दी जायेगी.

-महेंद्र प्रताप, कमांडेंट 52 वीं वाहिनी एसएसबी, अररिया

एक निर्धारित अवधि में बिजली काट कर होती है तस्करी

चावल, चीनी, रजनीगंधा, चरस, गांजा, स्मैक, ठंडा पेय पदार्थ, शराब आदि सामग्री की तस्करी कुर्साकांटा प्रखंड क्षेत्र हो कर धड़ल्ले से हो रही है. एक खास बात जो देखने को मिल रही है वह यह है कि शाम के समय एक निर्धारित अवधि के लिए बिजली काट दी जाती है, इसके साथ हीं ठीक उसी वक्त तस्कर सीमा पर अपना माल पार कराने के काम में मशगूल हो जाते हैं. इसलिए स्थानीय स्तर पर बिजली विभाग के कर्मी कहीं न कहीं तस्करों का सहयोग कर रहे हैं. एसएसबी अगर तय कर लें तो गाजा तो दूर परिंदा भी सीमा के इस पार से पार पर नहीं मार सकता है.

-सुशील कुमार सिंह, पूर्व प्रमुख कुर्साकांटा.

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