Bihar News: भागलपुर. इशाकचक थाना क्षेत्र के भीखनपुर गुमटी नंबर 3 इलाके में 17 साल पूर्व हुए बम विस्फोट मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है. उक्त मामले में अनुसंधानकर्ता की बड़ी लापरवाही सामने आयी है. जिसमें पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये एक अभियुक्त के विरुद्ध दाखिल की गयी चार्जशीट में विस्फोटक अधिनियम को उड़ा दिया था. जबकि मामले में सरेंडर करने वाले एक अभियुक्त के विरुद्ध दाखिल की गयी चार्जशीट में विस्फोटक अधिनियम को दर्शा दिया है.
मामला संज्ञान में आने के बाद कोर्ट ने लिया संज्ञान
बता दें कि मामले में दाखिल चार्जशीट व अन्य तथ्यों के आधार पर कोर्ट ने कुछ माह पूर्व ही कांड के एक अभियुक्त को रिहा किया था. जिसके बाद उसी मामले में जब कांड के दूसरे अभियुक्त के विरुद्ध ट्रायल शुरू हुआ तो उसके द्वारा पूर्व में रिहा किये गये अभियुक्त की दलील करते हुए उसे छोड़ने की अर्जी दी गयी. इस बाबत जब कोर्ट ने कांड से संबंधित दस्तावेजों का अवलोकन किया तो पाया कि मामले में दाखिल अलग अलग चार्जशीट में अनुसंधानकर्ता के द्वारा धाराओं के साथ छेड़छाड़ की गयी है. इस पर कोर्ट ने अभियोजन पदाधिकारी को मामले से संबंधित दस्तावेजों को लेकर रिपोर्ट मांगी गयी है.
क्या था मामला
इशाकचक थाना क्षेत्र के भीखनपुर गुमटी नंबर 3 के रहने वाले मो नौशाद के घर पर विगत 25 दिसंबर 2007 हुए ताबड़तोड़ बमबाजी में वह बुरी तरह घायल हो गये थे. मामले में इशाकचक थाना की पुलिस ने उस वक्त उनके फर्द बयान के आधार पर अज्ञात के विरुद्ध केस दर्ज किया था. जिसके बाद मामले में पुलिस ने करीब एक साल पहली पूरक चार्जशीट और फिर उसके कुछ माह बाद फाइनल चार्जशीट दाखिल की थी. बता दें कि वर्तमान में कोर्ट में सरेंडर करने वाले अभियुक्तों के विरुद्ध सुनवाई चल रही है.