बोधगया. सीयूएसबी का मिल्खा सिंह खेल परिसर सांस्कृतिक कार्यक्रम ””अभ्युदय”” में छात्र-छात्राओं तथा मेहमान कलाकारों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियों से झूम उठा. सीयूएसबी के कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में विश्वविद्यालय के हेरिटेज क्लब ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम को हेरिटेज क्लब की अध्यक्ष डॉ अमृता श्रीवास्तव ने क्लब के सदस्यों के सहयोग से आयोजित किया. कार्यक्रम में बांसुरी वादक पंडित रोनू मजूमदार तथा राजस्थानी लोक गायक उस्ताद भुट्टे खां एवं उनके समूह द्वारा शानदार प्रस्तुति दी गयी. कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह ने किया तथा इस अवसर पर कुलपति ने अतिथि कलाकारों को सम्मानित भी किया. द्वीप प्रज्ज्वलन के पश्चात कुलपति ने डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की तस्वीर पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की. इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि डॉ राधाकृष्णन हमारे देश के उन महापुरुषों से एक थे जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन शिक्षा, शिक्षक और देश के लिए समर्पित कर दिया. उन्होंने कहा कि डॉ राधाकृष्णन केवल एक व्यक्ति नहीं थे बल्कि एक अमर विचार थे जो आज भी प्रत्येक भारतीयों के हृदय में जीवित हैं. कुलपति ने भव्य कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए हेरीटेज क्लब की सराहना की और भविष्य में ऐसे आयोजन करते रहने की प्रेरणा दी.
महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र की प्रस्तुति ने समाज में नारी शक्ति की महत्ता पर प्रकाश डाला
पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि कुलपति के उद्बोधन के बाद विश्वविद्यालय के छात्र – छात्राओं ने मशहूर बिहारी सोहर पेश किया, जिसे लोगों ने जमकर सराहा और वे आनंदित हो उठे. महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र एवं कर्राटे नृत्य पर कुछ छात्राओं की प्रस्तुति ने समाज में नारी शक्ति की महत्ता पर प्रकाश डाला. अतिथि कलाकारों में राजस्थानी कलाकार भुट्टे खान व समूह तथा जाने माने बांसुरी वादक पंडित रोनू मजूमदार थे. भुट्टे खान ने अपने समूह के साथ गायकी और नृत्य प्रस्तुत की जिसमें राजस्थान की संस्कृति की खूबसूरती झलक रही थी. पंडित रोनू मजूमदार की मधुर बांसुरी वादन सुनकर लोग मंत्रमुग्ध हो उठे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है