लखीसराय. रविवार को किऊल नदी में पुल के नीचे गिरे युवक का शव सोमवार को बरामद किया गया है. सदर अंचल के सीओ सुप्रिया आनंद एसडीओ चंदन कुमार के निर्देश पर सोमवार को अंचल के तैराकी से युवक का शव बरामद किया गया है. जिले के हलसी प्रतापपुर निवासी मसूदन रजक के 22 वर्षीय पुत्र बिट्टू कुमार कोलकाता में मजदूरी करने के लिए अपने घर से रविवार को लखीसराय रेलवे पुल के नीचे बाहर से पहुंचा एवं वहां से रेलवे पुल के ऊपर से चढ़कर ट्रेन पकड़ने के लिए किऊल रेलवे स्टेशन जा रहा था, अचानक हुआ रेलवे पुल के ऊपर से नदी में गिर पड़ा, उसके साथी जब पीछे मुड़कर देखा तो बिट्टू उसके पीछे नहीं आ रहा था. तब उसने नदी में नीचे की और देखा तो वह नदी के पानी में डूब रहा था, उसके दोस्तों ने वह हल्ला कर उसे बचाने की कोशिश की लेकिन नदी में शाम के वक्त होने के कारण किसी ने कुछ नहीं कर पाया. इस घटना की जानकारी उसके दोस्तों ने उसके परिजनों को दी परिजन घटनास्थल पर पहुंचकर रोना शुरू कर दिया. एसडीओ के निर्देश पर सदर अंचल के सीओ सुबह से ही तैराकी से उसकी खोज करने लगा तो सुबह 9:30 बजे उसकी शव को बरामद की गयी. परिजनों ने बताया कि बिट्टू होनहार लड़का था, वह गरीबों के कारण कोलकाता में रहकर मेहनत मजदूरी करता था एवं घर पैसा भेजा करता था. बिट्टू की शादी हो चुकी थी, उसके दो बच्चे हैं. अब बिट्टू के विधवा एवं बच्चों को देखने वाले बिट्टू के पिता ही बचे हैं जो कि हमेशा बीमार रहते हैं. बिट्टू की मौत के बाद उसके गांव एवं मोहल्ले में मातम छाया हुआ है.
किऊल रेलवे सड़क व पुल लोगों के लिए बना जानलेवा
लखीसराय. जिले के चानन एवं वृंदावन खागौर, किऊल के लोगों को जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है. राहगीर एवं यात्रियों की जान जा रही है, लेकिन न तो राज्य सरकार और न ही केंद्र सरकार उन्हें बचाने के लिए किसी तरह का उपाय कर रहे हैं. मजबूरन इन सभी जगह के लोगों को जान जोखिम में डालकर अपने गंतव्य की ओर प्रतिदिन जाना पड़ता है. किऊल रेलवे पुल पर से नदी में लोगों को गिरने की लगातार घटना घट रही है. लोगों की मजबूरी है कि वह रेलवे सड़क से होकर एवं पुल पर चढ़कर ही बाजार का आवागमन कर सकते हैं, लोग पुल पर चढ़कर ही आवाजाही कर सकते हैं, इन लोगों को आगमन की सुविधा के लिए किऊल नदी पर पुल निर्माण को लेकर अभी तक लोगों को मुंगेरीलाल का हसीन सपना ही दिख रहे हैं. किऊल रेलवे सड़क से आम लोगों से भारी राजस्व की प्राप्ति होती है लेकिन सड़क निर्माण के लिए किसी अधिकारियों द्वारा कोई पहल नहीं की जाती है. आईओडब्ल्यू कार्यालय के सामने वाली सड़क गड्ढे में तबदील हैं. वहीं रेलवे पुल के नीचे सड़क के बीच तालाबनुमा गड्ढा बन चुका है. सड़क बनाने के लिए कई बार लोगों से मांग की जा चुकी है लेकिन अधिकारी एवं प्रतिनिधियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहे हैं. हाल यह है कि इस सड़क से ई-रिक्शा के आवागमन के दौरान कई बार दुर्घटना हो चुकी है. जिसमें कई लोग जख्मी भी हो चुके हैं. अधिकारियों से पूछे जाने पर कहा जाता है कि सड़क निर्माण का प्रपोजल भेजा गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है