वामो की चेतावनी. जब तक आरजी कर कांड के दोषियों को सजा नहीं मिल जाती, हम चैन से नहीं बैठेंगे कोलकाता. आरजी कर कांड में न्याय की मांग को लेकर वाममोर्चा के कई संगठनों ने सोमवार को लालबाजार पुलिस मुख्यालय तक मार्च किया और राज्य सरकार तथा तृणमूल पर असली अपराधियों को बचाने का प्रयास करने का आरोप लगाया. रैली के दौरान डीवाइएफआइ, एसएफआइ और अन्य वामपंथी कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के इस्तीफे की मांग करते हुए नारे लगाये. जुलूस में शामिल लोगों ने बैरिकेड को धक्का दिया और लालबाजार की लोहे की दीवार पर चढ़ने की कोशिश की. उनके हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर नारा लिखा था- जब तक आपके अत्याचारियों को कड़ी से कड़ी सजा नहीं मिल जाती, हम चैन से नहीं बैठेंगे. कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस मुख्यालय में बैरिकेड लगाने के साथ-साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल और आरएएफ को तैनात किया गया था. रैली का नेतृत्व करने वाले माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए कहा, “ मुख्यमंत्री चाहती हैं कि हम इस भयानक हत्या को भूल जाएं. उन्हें इस बात की चिंता नहीं है कि अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है या नहीं, उन्हें सजा दी गयी या नहीं. उन्हें बस यही उम्मीद है कि लोग इस मुद्दे को भूल जाएंगे- विरोध प्रदर्शन धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगे और लोग अपनी सुरक्षा संबंधी चिंताओं को नजरअंदाज करते हुए जश्न मनाने के मूड में आ जाएंगे.” यह रैली 10 अगस्त से जारी विरोध प्रदर्शनों की श्रृंखला का हिस्सा थी. इस मार्च के कारण केंद्रीय व्यापार केंद्र में सीआर एवेन्यू-बीबी गांगुली स्ट्रीट के बीच वाहनों की आवाजाही बाधित हुई. रैली को पुलिस ने बेंटिक स्ट्रीट के पास रोक दिया. हालांकि किसी तरह की अशांति नहीं हुई. वाम नेताओं ने मुख्य सचिव गृह सचिव को भेजा पत्र माकपा के प्रदेश सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि लालबाजार अभियान के दौरान 14 वाम समर्थकों को गिरफ्तार किया गया. इनमें राजेंद्र प्रसाद, पृथा तां, समन्वय राहा, साग्निक सेनगुप्ता आदि प्रमुख रहे. इसके खिलाफ वाम नेता व समर्थक बेंटिक स्ट्रीट में बैरिकेड के पास धरने पर बैठ गये. बाद में सभी को रिहा कर दिया गया. सलीम ने कहा कि 13 सितंबर तक यदि पुलिस आयुक्त को नहीं हटाया गया, तो 14 सितंबर को लालबाजार का घेराव कर रातभर धरना दिया जायेगा. वाम नेताओं ने कहा कि पुलिस आयुक्त विनीत गोयल को अविलंब इस्तीफा देना होगा. आरजी कर कांड में साक्ष्य मिटाने में उनकी भूमिका को लेकर भी सवाल उठाये गये. नेताओं ने इसे लेकर मुख्य सचिव व गृह सचिव को एक पत्र भी भेजा है.
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