Bihar Pitru Paksha Mela 2024 : पितृ पक्ष दिवंगत आत्माओं को समर्पित है और उन्हें प्रसन्न करने, क्षमा मांगने और पितृ दोष (पूर्वजों के श्राप) से मुक्ति पाने के लिए है. इस अवधि के दौरान दिवंगत आत्मा को जन्म, जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्त करने के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं. इस तरह के अनुष्ठान फल्गु नदी में किए जाते हैं और उसके बाद गया के विष्णुपद मंदिर में विशेष प्रार्थना की जाती है.
पितृ पक्ष में किन चीजों का सेवन वर्जित
ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान मांसाहारी भोजन का सेवन सख्त वर्जित है. प्याज, लहसुन, चना, जीरा, काला नमक, काली सरसों, खीरा, बैगन और मसूर दाल, काली उड़द दाल जैसी दालों का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए.
पितृपक्ष में श्राद्ध और तपर्ण के क्या फायदे हैं ?
पितृपक्ष में श्राद्ध और तपर्ण के फायदे के कई फायदे हैं, इससे पितरों का आर्शीवाद मिलता है. आपको बता दें श्राद्ध नहीं करने की स्थिति में आत्मा को पूर्ण रूप से मुक्ति नहीं मिल पाती है. इस स्थिति में आत्मा भटकती रहती है.
इस साल पितृपक्ष मेला में 15 से 20 लाख तीर्थयात्रियों की आने की संभावना
आपको बता दें इस साल बिहार के गया के पितृपक्ष मेला में हिंदू सनातन धर्मावलंबी यहां आकर अपने पितरों के लिए पिंडदान, तर्पण आदि करते हैं. इस बार पितृपक्ष मेला में करीब 15 से 20 लाख तीर्थयात्रियों की आने की संभावना है.
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जाम से मिलेगा छुटकारा
इस बार पाथ वे के उद्घाटन की वजह से श्रद्धालुओं को जाम से मुक्ति मिलेगी. बिना जाम की परेशानी के बाईपास से सीधा विष्णुपद मंदिर क्षेत्र तक पहुंचने में आसानी होने वाली है. इस बार 450 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा पाथ वे का शुभारंभ किया गया है. एनएच 82 से विष्णुपद मंदिर जाने के लिए श्रद्धालुओं को दो किमी पैदल दूरी तय करना पड़ता है.