जिले को मिला दो हेक्टेयर का लक्ष्य, किसान के लिए अनुदान भी उपलब्ध
पूर्णिया. ड्राय फ्रूट्स के रूप में बाजारों में उपलब्ध अंजीर की खेती अब बहुत जल्द जिले में शुरू हो सकेगी. ड्रैगन फ्रूट की तर्ज पर इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए उद्यान विभाग ने किसानों से आवेदन आमंत्रित किये हैं. मिली जानकारी के अनुसार किसानों ने अंजीर की खेती के लिए सरकारी योजना के तहत अनुदान के लिए उद्यान कार्यालय में आवेदन किया है. बताया जाता है कि अंजीर के पौधों में तीसरे वर्ष से ही फलों का उत्पादन लिया जा सकता है. वहीं बाजार में इसकी कीमत और मांग को देखते हुए इसे किसानों के लिए बेहद फायदेमंद माना जा रहा है. अंजीर के फल को लोग प्रायः ड्रायफ्रूट्स के तौर पर खाते हैं. बाजारों में इसका सुखाया हुआ फल बिकता है. किन्तु इसके पके फलों को भी लोग खाते हैं. वहीं सूखे फल को टुकड़े करके या पीसकर दूध के साथ भी लोग इसका सेवन करते हैं. यह बहुत ही लाभकारी फल है. अंजीर के पौधे की लंबाई 3-10 फुट तक होती है. कहा जाता है कि यह दुनिया का बेहद पुराना फल है जो रसीला और गूदेदार होता है. इसका रंग हल्का पीला, सुनहरा या बैंगनी भी होता है.दोमट मटियार जमीन में की जा सकती है अंजीर की खेती
कृषि वैज्ञानिकों की माने तो अंजीर की खेती भिन्न-भिन्न जलवायु वाले स्थानों में की जा सकती है. फल के विकास तथा परिपक्वता के समय वायुमंडल का शुष्क रहना अत्यंत आवश्यक है. हालांकि सभी प्रकार की मिट्टी में इसका वृक्ष उपजाया जा सकता है, परंतु दोमट मटियार जमीन जिसमें उत्तम जल निकास की व्यवस्था हो इसके लिए सबसे उपयुक्त है. इसे अधिक सिंचाई की भी आवश्यकता नहीं पड़ती. गर्मी के समय फल की वृद्धि के लिए एक या दो सिंचाई की जरुरत पड़ती है. इस लिहाज से जिले में इसकी खेती की प्रचुर संभावनाएं दिखती हैं.कई रोगों में इसका सेवन है लाभदायक
चिकित्सकों का कहना है कि अंजीर कैलशियम, रेशा व विटामिन ए, बी, सी से युक्त होता है. डायबिटीज के रोगियों के लिए दूसरे फलों की तुलना में अंजीर का सेवन खासतौर से लाभकारी होता है. सूखे अंजीर में ओमेगा-3, ओमेगा-6 होता है. यह हार्ट डिजीज के खतरे को कम करने में मदद करता है. अंजीर में कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है जो हड्डियों को मजबूत करने में सहायक है. पोटैशियम ज्यादा और सोडियम कम होने की वजह से यह उच्च रक्तचाप की समस्या से भी बचाता है. अंजीर के सेवन से मधुमेह, सर्दी-जुकाम, दमा और अपच जैसी तमाम व्याधियों में भी लाभ देखा गया है.
बोले किसान
मैंने अंजीर खाकर देखा है. खट्टा मीठा स्वाद रहता है. बाजार में इसके सूखे हुए कट्स मिलते हैं. हरा फल को ही प्रोसेस करने के बाद उसे सुखाकर बाजार में बेचा जाता है. नया फल है तो इसके पौधों के लिए उद्यान विभाग में आवेदन किया है. मुझे बाग़ बगीचे का शौक है आगे देखते हैं क्या परिणाम आता है.नेहल अख्तर, किसान, बिठनौली के. नगर.
फोटो. 10 पूर्णिया 1आम का बगीचा कुछ वर्ष पहले ही लगाया हूं. कुछ जमीन अभी खाली है तो उसी के लिए उद्यान विभाग में अंजीर फल लगाने के लिए आवेदन दिए हैं. स्वास्थ्य के लिए अंजीर ड्राईफ्रूट के रूप में बेहद फायदेमंद बताया गया है. मार्केट में मांग भी है. इसकी खेती से सम्बंधित ट्रेनिंग मिलेगा तो जरुर भाग लेंगे.
रंगीलाल उरांव, किसान, बेला रिकाबगंज.फोटो. 10 पूर्णिया 2आम, लीची, कटहल, जामुन, नारियल के बाग पहले से ही हैं. अंजीर इस इलाके के लिए नया है और उद्यान विभाग में आवेदन चल रहा था तो हमने भी आवेदन दिया है. झोपडी में जब मशरूम की खेती शुरू किया था तो लोग देखकर हंसते थे बाद में जब लोग फोन पर मशरूम की मांग करने लगे तब सबको लगा कि बेहतर है. सोचा इसी तरह अंजीर को भी आजमाकर देखते हैं.
नूरुज्ज्मा, किसान, मालोपाड़ा, बैसा.फोटो. 10 पूर्णिया 3
कहते हैं अधिकारी
जिले में अंजीर की खेती के लिए विभाग द्वारा दो हेक्टेयर का लक्ष्य दिया गया है जिसके तहत कुल 9 किसानों ने आवेदन किया है और निर्धारित लक्ष्य को पूर्ण कर लिया गया है. वर्क ऑर्डर के साथ ही जिले में अंजीर की खेती की शुरुआत हो जायेगी. अंजीर और ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए जिले में निर्धारित लक्ष्य के अनुसार किसानों को इसका विभागीय 50 प्रतिशत अनुदान का लाभ दिया जाएगा.डॉ. राहुल कुमार, उद्यान पदाधिकारी
फोटो. 10 पूर्णिया 4फोटो. 10 पूर्णिया 5- अंजीर का सांकेतिक तस्वीर
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