गोपालगंज. सदर अस्पताल में मंगलवार को ओपीडी में 659 मरीज आये. पर्चा कटवाने के लिए धक्का-मुक्की हुई. दो से तीन घंटे भर में मरीजों को इलाज मिल सका. सबसे ज्यादा मरीज वायरल बुखार, मांसपेसियों में दर्द, खांसी,-खराश के हैं. चिकित्सकों का कहना है कि इस बार बारिश के बदले सूर्यदेव के दहकने, तेज धूप, उमस के कारण इस बार वायरल बुखार का स्वरूप बदला मिल रहा है. अधिकतर मरीजों को बुखार हल्का है लेकिन कमर-पैरों और मांसपेशियों में दर्द अधिक है. खांस-खांस के फेफड़ों का दम निकला जा रहा है. मेडिसिन विभाग के डॉ. सनाउल मुस्तफा ने बताया कि मेडिसिन विभाग में 650 मरीज आये. इस बार मरीज में अधिकतम 102 फाॅरेनहाइट बुखार आ रहा है, लेकिन पैरों, कमर, गर्दन और मांसपेशियों में दर्द अधिक हो रहा है. तेजी से कमजोरी आ रही है. खांसी अधिक है और गले में खराश से निगलने में भी दिक्कत हो रही है बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ सौरव अग्रवाल ने बताया कि ओपीडी में 125 मरीज आये. इनको बुखार के साथ गले में दर्द, खराश के चलते नींद नहीं आ रही. बच्चे चिड़चिड़े हो रहे हैं. बीते दिनों के मुकाबले डेढ़ गुना मरीज बढ़ गये हैं. सिरप की मनमानी पड़ रही भारी सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ शशि रंजन प्रसाद ने बताया कि मनमाने सिरप और ओवरडोज से टीबी, सांस और खांसी के मरीजों की हालत खराब हो रही है. कफ सिरप दो तरह के होते हैं, एक खांसी रोकने वाले और दूसरा खांसी बढ़ाने वाला. बलगम जकड़ने वाले को खांसी बढ़ाने वाला सिरप देते हैं, जिससे बलगम पिघलकर बाहर आ जाता है और फिर मरीज को आराम मिलने लगता है. बिना बलगम वाले को खांसी रोकने वाला सिरप लिखते हैं. कई बार मरीज गलत सिरप पीने से मर्ज बढ़ा लेता है.
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