बोकारो, कैंप दो स्थित सदर अस्पताल प्रांगण में सोमवार को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर ‘चलो नाकारात्मक विचारों को बदले’ विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया. उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद, सदर उपाधीक्षक डॉ अरविंद कुमार, डॉ राजश्री रानी, मनोचिकित्सक डॉ प्रशांत मिश्र, डॉ आरएस सिंह ने किया. सीएस डॉ प्रसाद ने कहा कि आत्महत्या किसी भी समस्या का हल नहीं है. अपनी परेशानियों से खुद जूझने की कोशिश नहीं करें. बड़ी परेशानियों को साझा करें. छोटी परेशानी से निबटे. मन दु:खी होने पर अच्छी बातों व अच्छे विचारों को याद करें. मन को जितना हल्का रखेंगे, उतनी ही ऊर्जा समाहित होगी. जब भी आत्महत्या के विचार मन में आये. उसे साझा करें.
परिवार से साझा करें अपनी हर बातों को : डॉ अरविंद
डीएस डॉ अरविंद ने कहा कि अच्छी या खराब छोटी से छोटी बातों को परिवार से साझा करें. जीवन में प्रसन्नता सबसे बड़ी जरूरत है. मन खुश होगा, तो तनाव व अवसाद आसपास भी नहीं फटकेगा. ऐसे में परिवार के साथ समाज व देश को भी आगे बढ़ाने में सहयोगी साबित होंगे. आपका जीवन बहुमूल्य है. इसे समझें. डॉ प्रशांत ने कहा कि आत्महत्या एक दिन का निर्णय नहीं होता है. परिवार व समाज को संकेत समझने की जरूरत है. जब भी आसपास का इंसान चिड़चिड़ा होने लगे. हर बात पर नकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त करने लगे, तो जरूरत है. उस व्यक्ति की परेशानी को समझने की. इसके बाद ही समस्या का निदान किया जा सकेगा. तनाव को दूर करने के लिए भारत सरकार द्वारा जारी टैली मानस नंबर 14416 पर कॉल कर सहायता ली जा सकती है. मौके पर डॉ राजश्री रानी, डॉ मैथिली ठाकुर, डॉ इला सहित अस्पताल के अन्य चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे.
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