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जन शिकायत समाधान कार्यक्रम में पहुंचकर 374 लोगों ने दिये आवेदन

पुलिस पदाधिकारियों ने सामने बिठाकर सुनी शिकायत, लिखित शिकायत पर पीड़ित व्यक्ति को एक्नॉलेजमेंट भी दिया. ज्यादातर मामलों में ऑन द स्पॉट निराकरण कराने की हुई पहल.

दुमका. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सोच व राज्य के पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता के दिशा-निर्देश पर पुलिस महकमा भी अब प्रशासनिक अधिकारियों की तरह जनता के बीच पहुंचकर शिकायतें सुन रहा है और उनकी समस्याओं का त्वरित निदान करने की पहल कर रहा है. राज्यव्यापी स्तर पर शुरू हुए इस अभियान के तहत संताल परगना में जहां पंद्रह स्थानों पर जन शिकायत समाधान कार्यक्रम कर पुलिस ने आमजनों से उनकी शिकायतें सुनी. दुमका जिले में कुल चार स्थानों पर यह कार्यक्रम हुआ, जिसमें कुल 374 आवेदन प्राप्त हुए. जिला मुख्यालय में इंडोर स्टेडियम में आहूत कार्यक्रम में मुख्यालय से भेजे गये प्रभारी वरीय पदाधिकारी के रूप में झारखंड जगुवार-एसटीएफ के पुलिस उप महानिरीक्षक इंद्रजीत महथा मौजूद रहे. जिला परिषद की अध्यक्ष जॉयस बेसरा, एसपी पीतांबर सिंह खेरवार व अनुमंडल पदाधिकारी कौशल कुमार इस दौरान मौजूद रहे. सबसे ज्यादा मामले नगर थाना क्षेत्र से प्राप्त हुए, जिसमें से कई का त्वरित निपटारा किया गया. वहीं जमीन से संबंधित मामले में अनुमंडल पदाधिकारी व पुलिस उपाधीक्षक को निर्देशित किया गया. इंडोर स्टेडियम में नगर, मुफस्सिल, दिग्घी ओपी, मसानजोर, काठीकुंड व गोपीकांदर थाना क्षेत्र से लाेग अपनी शिकायत लेकर पहुंचे थे.

किसी भी तरह की परेशानी हो तो डायल करें 112 : इंद्रजीत :

झारखंड जगुवार-एसटीएफ के पुलिस उप महानिरीक्षक इंद्रजीत महथा ने कहा कि राज्य की सरकार जनता तक पहुंच रही है, ताकि उन्हें जागरूक बनाया जाए, वे अपनी बात अधिकारियों के समक्ष रख पाएं. उनके दुख-तकलीफ दूर हों, यह कार्यक्रम भी इसी का हिस्सा है. इसे निरंतर जारी रखा जाएगा. इसके जरिये हम सुदूर पंचायत के लोगों की भी शिकायत-परेशानी सुन पायेंगे और उसका निदान हम करा पायेंगे. कहा कि जिनकी समस्याओं का निष्पादन अगर तत्काल करने योग्य है तो तत्काल किया जा रहा है. अगर समस्या अनुसंधान के उपरांत समाधान करने योग्य है तो दो-तीन सप्ताह में किया जाएगा. दूसरे विभाग से जुड़ी समस्या है, तो उसे विभाग को प्रेषित कर दिया जाएगा, ताकि उसका समाधान हो सके.

पुलिस उप महानिरीक्षक इंद्रजीत महथा ने बताया कि देश के अंदर आप कहीं भी हों और आपको सहायता की जरूरत है, तो इसके लिए आप एक नंबर 112 को याद रखें. इस नंबर पर काॅल करके आप पुलिस की मदद ले सकते हैं. उन्होंने बताया कि मोबाइल में भी अगर आप नंबर डायल नहीं कर सकते, तो केवल तीन बार पावर बटन को दबायेंगे, तो भी इमरजेंसी नंबर के तौर पर इस 112 नंबर की हेल्पलाइन से आप कनेक्ट हो जायेंगे, जहां आप अपना नाम-पता बताकर अपनी परेशानी बता सकते हैं और मदद पा सकते हैं. श्री महथा ने बताया कि कई बार लड़कियों की सुरक्षा के मामले आ जाते हैं. स्कूल-काॅलेज जाते समय अड्डाबाजी से उनको परेशानी होती है, छेड़खानी की समस्या आती है, तो इसकी मदद ली जा सकती है. आग लगने पर या एंबुलेंस आदि के लिए भी आप 112 पर डायल कर मदद पा सकते हैं.

अब गरीबों की बात केवल सुनी नहीं जाती, उनका काम भी हो रहा : जॉयस :

जिला परिषद की अध्यक्ष जॉयस बेसरा ने कहा कि संताल समाज के लोग और ग्रामीण क्षेत्र में रहनेवाले ज्यादातर लोग पुलिस से दूर भागते हैं. किसी तरह की परेशानी आने पर भी वे पुलिस तक शिकायत करने से बचते हैं. समाज में इस चीज को लेकर जागरूकता की कमी है, उनके बीच धारणा है कि पुलिस गरीबों की नहीं सुनती, लेकिन हेमंत सोरेन की सरकार में ऐसी बात नहीं रही. आज उनकी शिकायत सुनने के लिए पुलिस प्रशासन उन तक पहुंच रही है. गरीब-लाचार का काम हो रहा है, उनकी बात प्रशासन सुनता है. यह आज बदलते परिदृश्य में स्पष्ट दिख रहा है. आज हर व्यक्ति को हक और न्याय दिलाने की पहल हो रही है. हमें केवल जागरूक बनना है. मौके पर जमशेदपुर में किसी जरूरतमंद को पुलिस मदद की जरूरत का जिक्र उन्होंने किया, तो एसपी श्री खेरवार ने मौके से ही समन्वय स्थापित कर जमशेदपुर जिले में उस शख्स तक पुलिस की टीम भेज मदद पहुंचायी.

हर थाना में जीरो एफआइआर की व्यवस्था : पीतांबर :

जिले के पुलिस अधीक्षक पीतांबर सिंह खेरवार ने कहा कि जिले की पुलिस ने इस पहल को गंभीरता से लिया है. आज साढ़े तीन सौ से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं. पुलिस इन प्राप्त आवेदनों में से कई का निदान कर चुकी है. पुलिस दमनकारी व्यवस्था अब नहीं रही. अंग्रेजों के जमाने जैसी पुलिस अब नहीं है. जिले के सभी पुलिस अधिकारियों को निदेश दिया गया है कि जनता के साथ सही व्यवहार रखें. उनकी शिकायत-परेशानी को दूर करने को लेकर संवेदनशील रहें. उन्होंने बताया कि आज डायल 112 की मदद लेकर लोग तुरंत पुलिस की सहायता प्राप्त कर सकते हैं. इसपर कॉल करने के बाद आपकी समस्या के समाधान कराने की त्वरित पहल होती है. शहर के नजदीकी इलाके में पांच से दस मिनट और सुदूरवर्ती इलाके में पंद्रह-बीस मिनट में पुलिस शिकायतकर्ता तक पहुंचकर उनकी मदद करती है. उन्होंने कहा कि अब सभी थानों को यह निदेश है कि शिकायत किसी भी इलाके से जुड़ी क्यों न हो, वे अपने थाना में संबंधित व्यक्ति की शिकायत जीरो एफआइआर में दर्ज करें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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