संवाददाता, चाईबासा चाईबासा शहर के खिरवाल बैंक्विट हॉल में श्रीमद् भगवत कथा का आयोजन हो रहा है. मंगलवार को तीसरे दिन कथा वाचक स्वामी हिमांशु जी महाराज ने कथा सुनाकर श्रोताओं को धन्य कर दिया. इस दौरान राधे-कृष्ण के जयकारे लगते रहे. इसके पूर्व चिरानिया भवन अमला टोला में पूर्वज पितरजी महाराज को नमन करते हुए खिरवाल परिवार ने पूजा-अर्चना की. कथा से पूर्व राधे-कृष्ण की झांकियों के साथ कलाकारों ने भजनों की अमृत वर्षा की. भजनों पर श्रोता झूमते रहे. भागवत कथा के आरंभ में गुरुजी ने भगवान श्री नरसिंह अवतार की व्याख्या की. ब्रजधाम वृंदावन से पधारे स्वामी श्री हिमांशु जी महाराज ने प्रभु अवतार, उपासना व जड़ धारण की कथा सुनायी. उन्हाेंने कहा कि संतान पर माता-पिता का अधिकार होता है. अगर पिता आपको डांट-फटकार लगाये, तो क्रोध नहीं करना चाहिए. पिता की डांट में आपका बेहतर भविष्य छिपा रहता है. समय बीतने के बाद आपको इसका अंदाजा हो पाता है, लेकिन तब कुछ नहीं किया जा सकता है. इस अवसर परचौथमल चिरानिया, दयाराम चिरानिया, शिवरतन चिरानिया, राजकुमार चिरानिया, सुशील कुमार चिरानिया, गौरीशंकर चिरानिया, दिलीप कुमार चिरानियां, संजय कुमार चिरानिया, धीरज, पंकज, निक्कू व परिवार की महिलाओं ने गुरुजी का स्वागत किया गया.
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