-एक लाख 86 हजार 493 स्टूडेंट्स का प्रोविजनल डिजीलॉकर पर किया जा चुका अपलोड-डिग्री व अंकपत्र अपलोड करने में विवि की स्थिति ठीक नहीं, डिग्री में एलएनएमयू टॉपर
मुजफ्फरपुर.
डिजिटल तकनीक को अपनाने और इसकी मदद से छात्र-छात्राओं को सुविधा उपलब्ध कराने में विश्वविद्यालय ने तेजी से कदम आगे बढ़ाया है. कई बिंदुओं पर विवि ने प्रदेश में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है. वहीं कुछ बिंदुओं पर नयी तकनीक को अपनाने में यह पिछड़ रहा है. प्रोविजनल को डिजीलॉकर पर अपलोड करने में बीआरएबीयू प्रदेश भर में पहले स्थान पर है. अबतक 1.86 लाख 493 स्टूडेंट्स का प्रोविजनल डिजीलॉकर पर अपलोड किया जा चुका है. वहीं अबतक 1.86 लाख 531 स्टूडेंट्स का रिकॉर्ड डिजीलॉकर पर डाला गया है. डिग्री व अंकपत्र अपलोड करने में विवि की स्थिति ठीक नहीं है. अबतक महज 38 छात्रों की डिग्री व शून्य अंकपत्र इसपर अपलोड हुआ है. डिप्लोमा और ट्रांस्क्रिप्टेड को पोर्टल पर अपलोड करने में भी अबतक विवि का खाता नहीं खुला है. पूरे प्रदेश में डिग्री व कुल रिकार्ड अपलोड करने में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय शीर्ष पर है. यहां से 2.91 लाख स्टूडेंट्स का रिकॉर्ड और इतने ही स्टूडेंट्स की डिग्री अपलोड की गयी है. ओवरऑल परफॉर्मेंस में मौलाना मजरूल हक अरबी फारसी विवि लीड कर रहा है. यहां से कुल 2.27 लाख स्टूडेंट्स का रिकॉर्ड डिजीलॉकर पर डाला गया है. इसमें से 1.8 लाख स्टूडेंट्स की डिग्री व 1.18 लाख स्टूडेंट्स का अंकपत्र पोर्टल अपलोड है. इस विवि ने स्थापना काल से ही सभी स्टूडेंट्स की डिग्री को डिजीलॉकर पर उपलब्ध करा दिया है. प्रदेश भर के विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में बीआरएबीयू की स्थिति ठीक-ठाक बतायी गयी है. सरकार के रिकॉर्ड के अनुसार पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय व पटना विश्वविद्यालय से अबतक एक भी प्रमाणपत्र डिजीलॉकर पर नहीं डाला गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है