संवाददाता, कोलकाता
केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग अर्थात डिपार्मेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग की ओर से अनुमोदन मिलने के बाद राज्य के डब्ल्यूबीसीएस के 10 अधिकारियों को पश्चिम बंगाल सरकार ने आइएएस के स्तर पर पदोन्नति की है. मंगलवार को राज्य के कार्मिक व प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी गयी है. आइएएस के रूप में पदोन्नति पाने वाले अधिकारियों की तालिका में राज्य के सतर्कता आयोग के विशेष सचिव श्रीकृष्णकांत सिंह, गृह व पर्वतीय मामले के तीन विशेष सचिव- अमिताभ सेनगुप्ता, जितेंद्र राय व अनिंद्य सेनगुप्ता का नाम शामिल है.
इनके अलावा पिछड़ी जाति विकास विभाग के विशेष सचिव अनिंद्य कुमार कर, मंजूषा के प्रबंध निदेशक अमित दत्ता, आवासन विभाग के विशेष सचिव सौम्यजीत दास, महिला व शिशु कल्याण विभाग की विशेष सचिव पर्णा चंद, मुख्यमंत्री कार्यालय में ओएसडी दीपंकर मंडल तथा शहरी विकास विभाग में विशेष सचिव एम बंद्योपाध्याय का नाम शामिल है. नियम के अनुसार, आठ वर्ष का कार्यकाल होने पर डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों को आइएएस के रूप में पदोन्नति प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया जाता है. लेकिन बंगाल की स्थिति देखा जाये तो यहां दो दशक से कार्य कर रहे अधिकारियों को भी आइएएस के रूप में पदोन्नति नहीं मिली है. डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों को आइएएस के रूप में पदोन्नति करने के लिए अधिकतम आयु सीमा 54 वर्ष थी, जिसे बढ़ाकर 56 वर्ष कर दिया गया है.
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