US Presidential Debate: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच पहली बार जोरदार डिबेट हुई. 90 मिनट की इस प्रेसिडेंशियल डिबेट में दोनों ने अर्थव्यवस्था, टैक्स कटौती, अप्रवासी नीति, गर्भपात कानून, चीन, रूस-यूक्रेन युद्ध, हाउसिंग, नौकरियां और विदेश नीति समेत 10 प्रमुख मुद्दों पर बहस की. डिबेट की शुरुआत से पहले कमला हैरिस ने ट्रंप से मिलकर हाथ मिलाया. यह कमला हैरिस की पहली डिबेट थी, जबकि ट्रंप सातवीं बार डिबेट में हिस्सा ले रहे थे. चुनाव से दो महीने पहले हुई इस डिबेट को अमेरिकी मीडिया चैनल ABC ने आयोजित किया.
इससे पहले, 27 जून को हुई पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट में जो बाइडेन ने हारने के बाद राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से हटने का फैसला किया था, जिसके बाद डेमोक्रेटिक पार्टी ने कमला हैरिस को उम्मीदवार बनाया. ट्रंप के खिलाफ यह डिबेट कमला के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि प्री-पोल सर्वे में ट्रंप को बढ़त मिली थी, और अब कमला को ट्रंप के खिलाफ कड़ी चुनौती देनी पड़ रही है.
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डिबेट की शुरुआत अर्थव्यवस्था और टैक्स से जुड़े सवाल से हुई. कमला हैरिस ने अपनी मिडिल क्लास पृष्ठभूमि के आधार पर मध्यम वर्गीय परिवारों और छोटे कारोबारों के समर्थन के लिए योजनाओं का जिक्र किया, जबकि ट्रंप ने कमला के आरोपों को गलत बताते हुए अपने टैरिफ नीतियों का बचाव किया. अप्रवासी मुद्दे पर ट्रंप ने कहा कि अप्रवासी देश में नौकरियों और संसाधनों को छीन रहे हैं, जबकि कमला ने आरोप लगाया कि ट्रंप प्रशासन ने अप्रवासी विधेयक को पारित करने में बाधाएं डालीं.
संसद में हिंसा पर चर्चा के दौरान ट्रंप ने डेमोक्रेट्स पर न्याय विभाग को अपने राजनीतिक हितों के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया, जबकि कमला ने ट्रंप के समर्थकों द्वारा कैपिटल हिल पर किए गए हमले को ट्रंप की उकसावे वाली बयानबाजी का नतीजा बताया. बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर कमला ने ट्रंप की आर्थिक नीतियों और देश में बढ़ती महंगाई पर सवाल उठाए, जबकि ट्रंप ने कमला पर बाइडेन की नीतियों को दोहराने का आरोप लगाते हुए खुद के आर्थिक सुधार कार्यक्रम का समर्थन किया. ट्रंप ने प्रोजेक्ट 25 से खुद को दूर करते हुए कहा कि उन्होंने इसे नहीं पढ़ा है और पढ़ना भी नहीं चाहते.
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गर्भपात के सवाल पर ट्रंप से पूछा गया कि उन्होंने पहले 6 हफ्ते के बाद गर्भपात की अनुमति देने की बात कही थी, लेकिन बाद में अपने बयान से पलट गए. ट्रंप ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी गर्भावस्था के 9वें महीने में भी गर्भपात की अनुमति देना चाहती है. उन्होंने वर्जीनिया के पूर्व गवर्नर का जिक्र करते हुए कहा कि अगर बच्चा पैदा होने के बाद भी स्थिति पर विचार करना होगा, तो उसे मारने का फैसला लिया जा सकता है. इसी कारण से उन्होंने गर्भपात पर अपना रुख बदला. ट्रंप ने कहा कि डेमोक्रेट्स की गर्भपात नीतियां अतिवादी हैं, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि गर्भपात का मुद्दा राज्यों के अधिकार क्षेत्र में होना चाहिए.
कमला हैरिस ने ट्रंप पर झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि ट्रंप की नीतियों के कारण अमेरिका के 20 राज्यों में गर्भपात पर प्रतिबंध लग चुका है. इससे रेप पीड़िताओं को अपने निर्णय लेने में मुश्किल हो रही है. कमला ने कहा कि अगर ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बने, तो वे गर्भपात पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की कोशिश करेंगे. उन्होंने जोर दिया कि सरकार या ट्रंप को महिलाओं के शरीर पर अधिकार नहीं होना चाहिए. कमला ने वादा किया कि वे अपने कार्यकाल में गर्भपात की अनुमति के बिल को साइन करेंगी.
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