Bengal Crime News ,शिवशंकर ठाकुर : दुर्गापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत पियाला मोड़ के निकट एनएच-19 पर दिल्ली के एक व्यवसायी मुकेश चावला से 1.01 करोड़ रुपये लूटे जाना का मामला किसी क्राइम थ्रिलर वेब सीरीज की कहानी से कम नहीं है. सिर्फ 50-50 हजार रुपये के लिए दुर्गापुर में इस कांड को पांच लोगों ने मिलकर अंजाम दिया. जबकि पूरे मामले की साजिश में दिल्ली, झारखंड, यूपी, कोलकाता, नदिया, आसनसोल, दुर्गापुर आदि अनेकों जगह के लोग शामिल हैं. यह पूरा एक चेन नेटवर्क है और पूरे देश में इसका जाल फैला हुआ है.
पुलिस को मिल रही है लगातार नई जानकारियां
पुलिस जितना आगे बढ़ रही है उतनी ही नयी-नयी जानकारी सामने आ रही है. दुर्गापुर में कांड को अंजाम देनेवाली टीम इस मामले की सबसे छोटी कड़ी है. घटनास्थल पर मुकेश चावला ने थोड़ी से सूझबूझ से यह मामला खड़ा हुआ. पुलिस इस मामले की तह तक जाने के लिए दिनरात एक किये हुए है, जिसके कारण इस खतरनाक नेटवर्क से आगामी कुछ दिनों में पर्दा उठ सकता है.
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कैसे दिया जाता है इस कांड को अंजाम ?
पुलिस सूत्रों के अनुसार लोगों को ठगने के लिए एक गैंग पूरे देशभर में अपना जाल बिछाया है. यह गैंग रातोरात मूल पैसे पर 30 से 40 फीसदी का मुनाफा देने के नाम पर लोगों को अपने झांसे में लेकर लूट रहा है. गैंग ने पूरे देश में अपना एजेंट छोड़कर रखा है, पार्टी फंसाने पर एजेंट को पांच प्रतिशत कमीशन मिलता है. एजेंट को सिर्फ यह बोलकर पार्टी फंसाना होता है कि व्हाइट पैसा दीजिए और 30 से 40 फीसदी मुनाफा लीजिए. इस लालच में अनेकों लोग फंसते हैं और अपना सारा कुछ गंवा देते हैं. पैसे लेकर निकलने पर गैंग के सदस्य ही रास्ते में पुलिस बनकर लूट लेते हैं.
दुर्गापुर कांड को अंजाम देने की क्या है पूरी कहानी?
अमित सिंह इस गैंग का एक एजेंट हैं. देश के विभिन्न इलाकों में इसका घर और कारोबार है. इसने मनोज सिंह को पार्टी यूपी मिर्जापुर के मनोज सिंह को पार्टी फंसाने के लिए पांच फीसदी का ऑफर दिया. मनोज ने दिल्ली के एक व्यक्ति को यह ऑफर दिया, उसने दिल्ली के एक और व्यक्ति को यह ऑफर दिया. इस व्यक्ति ने मुकेश चावला को स्कीम बतायी. मुकेश पैसे फंसाने के लिए तैयार हो गया. दिल्ली के दो लोग पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. मुकेश ने पैसा नदिया जिला के बैंक ऑफ इंडिया कल्याणी शाखा में पैसा ट्रांसफर किया.
50 लाख रुपये के एवज में उन्हें 65 लाख रुपये का नकद दिया
50 लाख रुपये के एवज में उन्हें 65 लाख रुपये का नकद भुगतान रूपनारायणपुर के पृथ्वीराज ओसवाल के घर पर किया गया. यह पैसा लेकर श्री चावला को कोलकाता बड़ा बाजार आना था, यहां से हवाला के जरिये दिल्ली भेजना था. पृथ्वी के घर पर श्री चावला को 65 लाख रुपये के साथ अतिरिक्त 35 लाख रुपये यह कहकर दिया गया कि कोलकाता में यह पैसा उनसे उनका आदमी आकर ले लेगा. यह पैसा काठ के एक बक्से में रखकर श्री चावला ने ही उसे सील किया था. कोलकाता के लिए रूपनारायणपुर से गाड़ी में अमित सिंह, मनोज सिंह, दो ड्राइबर अजय दास, सूरज कुमार और मुकेश चावला निकले. अमित कुछ दूरी पर जाकर रूपनारायणपुर में ही उतर गया.
सिर्फ दो लोगों को गाड़ी से उतार कर पैसे लेकर होना था फरार, योजना सफल
लूट गैंग में दो लोग अजय दास और सूरज कुमार ड्राइवर की भूमिका में हैं. जो उस दिन श्री चावला को कोलकाता ले जा रहे थे. सूरज कुमार ने अपने परिचित मुर्गासोल के अमित सिंह को बताया कि एक करोड़ रुपये के साथ दिल्ली का एक पार्टी उनके साथ कोलकाता जाएगा, इसे लूटना है. प्लान यह है कि पुलिस बनकर सिर्फ गाड़ी को रोकना है और दो लोगों को गाड़ी से उतारना है. उनके उतरते ही गाड़ी लेकर निकल जायेगा. अमित ने अपने एक परिचित दुर्गापुर के निवासी सुभाष शर्मा को यह प्लान बताया. सुभाष ने इस कांड को अंजाम देने के लिए अपने परिचित आइबी के डिसमिस कांस्टेबल मृत्युंजय सरकार को बताया. मृत्युंजय ने सीआइडी बम स्क्वार्ड के चंदन चौधरी को इसमें शामिल किया. अब कांड को अंजाम देने के लिए पुलिस की एक गाड़ी की जरूरत थी.
मृत्युंजय और चंदन ने अपने परिचित अनेकों पुलिस अधिकारियों से किया संपर्क
मृत्युंजय और चंदन ने अपने परिचित अनेकों पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया, आखिरकार दुर्गापुर थाने में तैनात सहायक अवर निरीक्षक असीम चक्रवर्ती ने चंदन के कहने पर उस दौरान पेट्रोलिंग ड्यूटी पर तैनात अधिकारी को पुलिस गाड़ी के साथ पियाला मोड़ के पास भेज दिया. मुकेश की गाड़ी जैसे ही वहां आयी, उसे हाथ दिखाकर रोक दिया गया. पुलिस गाड़ी देखकर प्लान के मुताबिक चालक रूक गया. गाड़ी से मुकेश और मनोज सिंह को जांच के उतारा गया. जैसे ही दोनों उतरे गाड़ी में सवार दोनों ड्राइबर अजय और सूरज गाड़ी लेकर भाग निकले. यह देख पुलिस अधिकारी भी अपनी गाड़ी लेकर वहां से निकल गए. चंदन, मृत्युंजय, सुभाष और उसका गाड़ी चालक सूरज कुमार राम भी गाड़ी लेकर निकल गया. अकेले श्री चावला वहां खड़े रहे. वे काफी अखबार पढ़ते हैं. गाड़ी से उतरते समय भी उनके हाथ में अखबार था. उसपर उन्होंने पुलिस गाड़ी का नम्बर नोट कर लिया.
पुलिस गाड़ी के नम्बर से ही हुआ मामले का खुलासा, वरना नहीं होता कुछ
श्री चावला ने किसी पुलिस अधिकारी को घटनास्थल पर नहीं देखा. सिर्फ पुलिस की गाड़ी का नम्बर लेकर दुर्गापुर थाना पहुंचे और अपनी बात पुलिस को बतायी. जिसके बाद पुलिस के होश उड़ गये. वरिष्ठ अधिकरियों को इसकी सूचना मिली. पुलिस आयुक्त ने मामले की प्राथमिकी दर्ज कर जांच का आदेश दिया. पुलिस तुरंत हरकत में आयी और कार्रवाई शुरू कर दी. पुलिस गाड़ी के साथ घटनास्थल पर जो अधिकारी गये थे, उन्होंने पूरी कहानी बता दी. नाम आया सहायक अवर निरीक्षक असीम चक्रवर्ती का. असीम ने पूरी घटना अपने अधिकारी को बतायी. जिसके बाद छह लोग अरेस्ट हो गये. इनलोगों से पुलिस को आगे की जानकारी मिली. जिसके बाद नाम आया रूपनारायणपुर के पृथ्वी ओसवाल का. श्री चावला को लेकर सारे लोकेशन की जांच शुरू हुई. जिसके बाद रूपनारायणपुर में पृथ्वी और उसके साथी अजय दास के घर में छापेमारी हुई. पृथ्वी के घर से हथियार बरामद हुआ. दोनों के घर से कुल पांच चारपहिया, आठ दो पहिया वाहन और पांच लाख रुपये नकदी बरामद हुआ. पुलिस ने दोनों घरों को सील कर दिया है.
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घरों के दीवारों के अंदर, फर्स के नीचे तोड़कर होगी जांच
पुलिस ने पृथ्वी और अजय के घर को सील कर दिया है. इनके आलीशान महल में दीवार में, फर्स के अंदर पैसे होने की सूचना पुलिस को मिली है. जल्द ही इसकी भी तलाशी ली जाएगी. इसके लिए कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा रही है.
मुकेश चावला जिस बॉक्स में पैसा लेकर जा रहे थे, उसमें पैसा था या नहीं यह भी है संदेह
मुकेश चावला ने पृथ्वी के घर पर पैसे लिया था. इस पैसे को एक काठ के बॉक्स में रखकर खुद सील किया था. जब यह बॉक्स गाड़ी में रखा गया, उसमें पैसा था या नहीं यह भी संदेह के दायरे में है. यह बॉक्स बदल देने की संभवाना पर भी पुलिस जांच कर रही. फिलहाल इस कांड से जुड़े अमित सिंह, दिल्ली के दो लोग, रूपनारायणपुर का पृथ्वी और अजय, दोनों चालक जो गाड़ी लेकर भागे अजय और सूरज, आसनसोल का अमित सिंह, सबसे अहम जिसके खाते में श्री चावला ने पैसा भेजा इनलोगों की गिरफ्तारी होने के बाद ही मामले पर से पूरी तरह से पर्दा उठेगा. पुलिस ने इनमें से अनेकों का बैंक खाता फ्रीज करवा दिया.
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