Shimla Protest: हिमाचल प्रदेश में शिमला के संजौली इलाके में एक धार्मिक स्थल के कथित अवैध निर्माण ढहाने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन हो रहा है. प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को पुलिस के बैरिकेडिंग को तोड़ दिया. प्रदर्शन को उग्र होता देख सुरक्षा बलों ने उन पर लाठीचार्ज किया. उग्र भीड़ ने संजौली में घुसे और धार्मिक स्थल के पास दूसरा अवरोधक भी तोड़कर अंदर जाने लगे. स्थिति को बेकाबू होता देख पुलिस ने लाठीचार्ज और पानी की बौछारों से प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने की कोशिश की.
कई लोग गिरफ्तार
पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है. वहीं धार्मिक स्थल के पास पुलिस के बैरिकेडिंग बढ़ाने से नाराज होकर प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन में कई महिलाएं भी शामिल हुईं. प्रदर्शन में शामिल लोगों का कहना है कि पुलिस की कार्रवाई से इलाके में अशांति का माहौल है. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार ने उन्हें शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है और अब उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है.
क्या है प्रदर्शनकारियों की मांग
बता दें, धार्मिक स्थल में कथित अवैध निर्माण का मामला 14 साल से अटका हुआ है. अदालत में सुनवाई की अगली तारीख पांच अक्टूबर है. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हमारी मांग है कि सुनवाई खत्म होने तक ढांचे को सील किया जाए, राज्य में आ रहे सभी बाहरी लोगों का पंजीकरण किया जाए और आबादी के आधार पर विक्रेता नीति बनाई जाए.
पूरे इलाके में धारा 163 लागू
संजौली इलाके में धार्मिक स्थल में कथित अवैध निर्माण को लेकर बढ़ते तनाव और विवादित ढांचा गिराने की मांग को लेकर एक समुदाय ने बंद का भी आह्वान किया. जिसके बाद संजौली और आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. शिमला जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू कर दिया है. वहीं हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शांति बनाये रखने की अपील की और कहा कि राज्य सरकार मस्जिद के संबंध में विवाद पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेगी.
अवैध निर्माण हुआ तो गिराएंगे- मंत्री विक्रमादित्य सिंह
वहीं, संजौली इलाके में धार्मिक स्थल में कथित अवैध निर्माण को लेकर हो रहे बवाल के बीच हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह का बयान आया है. उन्होंने कहा कि यह मामला काफी समय से लंबित है. उन्होंने यह भी कहा कि जहां तक अवैध इमारतों के निर्माण का सवाल है, सरकार ने संज्ञान लिया है. इस पर फैसला आते ही कानून के दायरे में कार्रवाई की जाएगी. अगर यह अवैध पाया गया तो इसे कानून की प्रक्रिया के तहत ध्वस्त कर दिया जाएगा. उन्होंने प्रदेश में लोगों से शांति की अपील की है. भाषा इनपुट के साथ
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