Giloy Kadha Recipe for Monsoon: मानसून चिलचिलाती गर्मी से राहत तो देता है, लेकिन साथ ही वायरल संक्रमण, सर्दी, खांसी और बुखार भी लाता है. हाइड्रेटेड रहना और इम्युनिटी को मजबूत रखना बहुत ज़रूरी है, लेकिन इन मौसमी बीमारियों से अपने शरीर को बचाने के लिए सबसे अच्छे प्राकृतिक उपायों में से एक गिलोय काढ़ा(Giloy Kadha) है.
अपने शक्तिशाली एंटीवायरल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जाने जाने वाले गिलोय का इस्तेमाल सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता रहा है. यह सरल और प्रभावी गिलोय काढ़ा आवश्यक पोषक तत्वों से भरा हुआ है जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकता है और मानसून की आम बीमारियों को दूर रख सकता है.
गिलोय काढ़ा बनाने की विधि
आवश्यक सामग्री
- 1-2 छोटी गिलोय की ताज़ी डंडियां (या 1 चम्मच गिलोय पाउडर)
- 10-12 ताज़ी तुलसी की पत्तियाँ
- 1 इंच अदरक का टुकड़ा (कद्दूकस किया हुआ)
- 1 चम्मच काली मिर्च
- 1 चम्मच शहद (वैकल्पिक)
- 2 कप पानी
विधि:
1. गिलोय की डंडियों को अच्छी तरह धोकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें (या अगर ताज़ी डंडियां उपलब्ध न हों तो गिलोय पाउडर का इस्तेमाल करें).
2. एक पैन में 2 कप पानी, कटी हुई गिलोय की डंडियां (या पाउडर), तुलसी के पत्ते, अदरक और काली मिर्च डालें.
3. मिश्रण को उबालें और 10-15 मिनट तक उबालें जब तक कि पानी आधा न हो जाए.
4. कढ़ा को एक कप में छान लें और थोड़ा ठंडा होने दें.
5. अगर चाहें तो स्वादानुसार शहद मिलाएं और इसे गर्म करके पिएं.
गिलोय काढ़ा के लाभ:
1. गिलोय को एंटीऑक्सीडेंट का एक पावरहाउस माना जाता है, जो प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है, जिससे यह वायरल संक्रमण से लड़ने में प्रभावी होता है.
2. गिलोय बुखार को कम करने में मदद करता है और एक एंटीपायरेटिक एजेंट के रूप में कार्य करता है, जो संक्रमण के कारण होने वाले उच्च तापमान को कम करता है.
3. गिलोय के सूजनरोधी गुण गले की जलन को शांत करने, सर्दी, खांसी और छाती में जमाव के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं.
4. मानसून में अक्सर पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं, लेकिन गिलोय काढ़ा पेट के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और अपच और सूजन को कम करने में सहायता करता है.
5. यह काढ़ा शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है.
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