फुलवारी शरीफ, (अजित कुमार ) साल 2013 में प्रधानमंत्री मोदी पटना के गांधी मैदान में रैली करने के लिए पहुंचे थे. इस दौरान वहां हुए बम ब्लास्ट में पटना के गौरीचक के कमर जी गांव के रहने वाले राज नारायण सिंह की मौत हो गई थी. वही, इस केस में जब आज कोर्ट ने आरोपियों की फांसी की सजा कम करके उम्र कैद में बदलने का फैसला किया तो मानो राज नारायण सिंह के परिवार पर दुखो का पहाड़ टूट गया.
हुंकार रैली में हुई थी राजनराण सिंह की मौत
बता दें कि पटना के गौरीचक के कमर जी गांव के रहने वाले राज नारायण सिंह 2013 की हुंकार रैली में उस समय बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को देखने के लिए गांधी मैदान गए थे. जहां बम ब्लास्ट में उनकी मौत हो गई थी.
कोर्ट के फैसले से आहत है परिवार
राज नारायण सिंह के परिवार के लोग कोर्ट द्वारा आरोपियों को फांसी की सजा कम करके उम्र कैद करने का फैसले से सहमत नहीं है बल्कि उनकी पत्नी शारदा देवी बेटे विनोद सिंह मनोज सिंह का कहना है की आरोपितों को फांसी ही होनी चाहिए. बेटे मनोज सिंह निजी कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड का काम करते हैं, वहीं दूसरा बेटा विनोद सिंह पटना सिटी के पेट्रोल पंप पर काम करते हैं. परिवार वालों को मलाल है कि सरकार ने मुआवजा तो जरूर दिया था लेकिन उस परिवार का कुछ भी भला नहीं हुआ.
प्रधानमंत्री मोदी के वादे के बावजूद नहीं मिली नौकरी
परिवार वालों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उस समय ऐलान किया था कि अगर उनकी सरकार बनेगी तो परिवार वालों को सरकारी नौकरी दी जाएगी जो अब तक नहीं मिला. नरेंद्र मोदी तीसरी बार सत्ता में आए लेकिन गांधी मैदान बम ब्लास्ट में जिन लोगों ने अपनी शहादत दी उनके परिवार वालों को भूल गए. परिवार के लोग बताते हैं कि गांव में जाने वाली सड़क का नाम राज नारायण सिंह के नाम पर नामकरण जरूर हुआ लेकिन अब उस सड़क को भी लोग तोड़फोड़ कर नाम हटाने के लिए दांव पेंच लगा रहे हैं.
बटाई पर खेतों में काम करते हैं लड़के
परिवार के लड़के बटाई पर खेतों में काम करते हैं. मृतक राज नारायण सिंह की पत्नी शारदा देवी अब 70 वर्ष की हो चुकी है. बेटे मनोज सिंह ने उन्हें बताया कि टीवी पर समाचार आ रहा है की कोर्ट में जिन चार लोगों को फांसी की सजा सुनाई थी उन्हें उम्र कैद में बदल दिया गया है यह सुनते ही उनकी पत्नी की आंखों से आंसू बरसने लगे और बोली कि हमें यह मंजूर नहीं उन्हें फांसी ही होनी चाहिए. हम लोग ऐसे दरिंदों को माफ नहीं कर सकते.
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