नारायणपुर. सरकार और उनके मुलाजिम लोगों तक अपनी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने में कुछ इस कदर लग गये हैं कि उन्हें इस दौरान बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का भी ख्याल तनिक भी नहीं रहा. बस सरकार और विभाग का आदेश है तो आपकी सरकार आपकी योजना आपके द्वार कार्यक्रम के तहत शिविर लगाना है. चाहे इस दौरान पूरा का पूरा स्कूल की शैक्षणिक व्यवस्था क्यों ना बाधित करना पड़े. यह नजारा बुधवार को नारायणपुर प्रखंड के देवलबाड़ी पंचायत में देखने को मिला. दरअसल इस पंचायत में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत शिविर का आयोजन हुआ था. शिविर उत्क्रमित मध्य विद्यालय देवालबाड़ी परिसर में ही लगाया गया था. शिविर में छावनी की ठोस व्यवस्था नहीं रहने के कारण लोगों को विद्यालय परिसर में ही वर्ग कक्ष के आसपास स्टॉल लगाना पड़ा. क्योंकि जो पंडाल लगाया गया था उसमें वर्षा का पानी एक बूंद भी रुक नहीं रहा था. सरकार के मुलाजिम भींगे नहीं और आदेश का पालन हो इसलिए अधिकारी और कर्मी स्टॉल उठाकर वर्ग कक्ष के सामने पहुंच गये. आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी. स्कूल में पढ़ाई करने के उद्देश्य आए बच्चे बाहर इधर-उधर बारिश में भींगने और खेलने लगे. बच्चों की मानों तो मौज ही हो गयी. हालांकि शिविर के आयोजन के लिए पंचायत में कई और स्थल थे, लेकिन इस तरफ शायद पंचायत सचिव ने ध्यान नहीं दिया. भले ही बच्चों की पढ़ाई बाधित हो लेकिन शिविर लगना चाहिए ऐसा सोच रखकर पंचायत सचिव ने विद्यालय परिसर में ही कार्यक्रम आयोजित करना मुनासिब समझा. आवेदकों को बारिश में नहीं बचा पाया हजारों की लागत वाला पंडाल बुधवार की अहले सुबह से ही नारायणपुर प्रखंड के सभी हिस्सों में जमकर बारिश हुई जो दोपहर बाद तक चली. नारायणपुर प्रखंड के चंदाडीह-लखनपुर और देवलबाड़ी पंचायत में शिविर लगाया गया था. दोनों ही स्थानों में शिविर के लिए पंडाल बनाए गये. बाकायदा इसके लिए हजारों रुपए खर्च हुए, लेकिन कपड़े से बना पंडाल भला पानी कैसे रोकता. लोगों को आवेदन भी करना था. लोगों ने खुद को भींगोकर आवेदन किया. कुछ लोग खुद को बारिश से बचने के लिए प्लास्टिक और छाते का उपयोग जरूर किया. इस बारिश में छोटे बच्चों, गर्भवती माताएं, धातृ महिलाएं और बुजुर्ग जमकर भींगे. शिविर आयोजित करने वाले इस बात का तनिक भी चिंता नहीं रही कि लोग बारिश में भींगेंगे, उनका स्वास्थ्य बिगड़ेगा. शिविर में आए लोगों ने कहा कि क्या करें मजबूरी है आवेदन कर रहे हैं, ताकि योजनाओं का लाभ मिले. अचानक बारिश आ गई और यहां मुकम्मल व्यवस्था नहीं थी जिस कारण पूरी तरह से भींग गये. हालांकि बारिश में भींगते हुए लोगों ने अबुआ आवास, पेंशन, राशन जैसी योजनाओं के लिए आवेदन किया. लोगों का कहना था कि शिविर में व्यवस्था दुरुस्त रखनी चाहिए आपकी सरकार आई है हमारे द्वार.
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