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Madhubani News. जिले में टीबी के मरीजों की संख्या में हुआ इजाफा

प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत वर्ष 2025 तक टीबी जैसी संक्रामक बीमारी को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है. इसको लेकर बुधवार को एएनएम सभागार में मासिक समीक्षा बैठक की गयी.

Madhubani News. मधुबनी. प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत वर्ष 2025 तक टीबी जैसी संक्रामक बीमारी को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है. इसको लेकर बुधवार को एएनएम सभागार में मासिक समीक्षा बैठक की गयी. बैठक में सीडीओ डॉ. जीएम ठाकुर ने कहा कि सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर से टीबी मरीजों की लगातार पर्यवेक्षण व निगरानी कर रही है. उन्होंने कहा कि जिले में जनवरी 2024 से अगस्त तक टीबी के 5532 मरीज चिन्हित किया गया है. इसमें से प्राइवेट में 3607 व सरकारी संस्थान में 1925 मरीजों को चिन्हित किया गया. इसमें एमडीआर के 90 मरीज चिन्हित किया गये हैं. अगस्त 2024 में टीबी के 714 मरीज चिन्हित किया गया. इसमें सरकारी संस्थानों में 317 एवं प्राइवेट में 374 मरीजों को चिन्हित किया गया. इसमें एमडीआर के 23 मरीजों की पहचान की गई है. एमडीआर के मरीजों का इलाज 9 माह से 2 साल तक चलता है. जिले में टीबी मरीजों की संख्या बढ़ने का मुख्य कारण अधिकतर मरीजों द्वारा बीच में इलाज एवं नियमित रूप से दवा का सेवन करना छोड़ देना है. इसके लिए विभाग द्वारा निक्षय मित्र योजना की शुरूआत की गई है. इस योजना के तहत मरीजों को गोद लिया जाता है. ताकि टीबी के खिलाफ लड़ाई में आसानी से विजय हासिल किया जा सके.

सरकारी अस्पताल में ही कराएं अपने टीबी का इलाज

डीपीसी पंकज कुमार ने कहा है कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में टीबी का इलाज से लेकर जांच की निःशुल्क व्यवस्था उपलब्ध है. टीबी मरीजों को दवा के साथ पौष्टिक आहार के लिए प्रतिमाह सहायता राशि भी दी जाती है. इसके बाद भी कुछ लोग इलाज कराने के लिए बड़े-बड़े निजी अस्पतालों की ओर रुख करते हैं. हालांकि वहां से निराश होकर मरीज अपने जिले के सरकारी अस्पतालों की शरण में ही आते हैं. टीबी के बारे में पता चलने पर सबसे पहले नजदीकी सरकारी अस्पताल जाकर जांच कराना चाहिए. जिले में टीबी के इलाज के साथ मुकम्मल निगरानी और अनुश्रवण की व्यवस्था की जाती है. सीडीओ डॉ. जीएम. ठाकुर ने कहा कि टीबी संक्रमण दर को कम करने के लिए ज्यादा से ज्यादा टीबी नोटिफिकेशन करने की जरूरत है. स्वास्थ्य विभाग ने जिला को टीबी नोटिफिकेशन टारगेट को 90 प्रतिशत करने का निर्देश दिया है. डॉ. ठाकुर ने कहा विभाग द्वारा प्रत्येक माह 800 मरीज व एक वर्ष में 9600 मरीजों का नोटिफिकेशन करने का लक्ष्य रखा गया है. एक लाख की आबादी पर 3000 टीबी के संदिग्ध मरीजों की जांच की जानी है. पंचायत प्रतिनिधि अपने पंचायत में आशा के माध्यम से डोर टू डोर संदिग्ध टीबी मरीजों को चिन्हित कर रहे हैं. जिले में उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों एवं समूहों पर खास ध्यान रखा जा रहा है. अगर किसी पंचायत के गांव में कोई संदिग्ध व्यक्ति अपना स्पुटम देने से इंकार करता है तो संबंधित पंचायत के मुखिया द्वारा आशा के सहयोग से व्यक्ति को समझकर स्पुटम लिया जाता है. एक प्रखंड के सभी पंचायत के टीबी मुक्त होने से ही टीबी मुक्त प्रखंड का स्वप्न साकार हो सकता है.

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