झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा से जुड़े लोगों ने अपनी मांगों के समर्थन में बुधवार को जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया. इस दौरान झारखंड आंदोलनकारियों ने शहर के रंका मोड़ पर सड़क जाम कर दिया तथा अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की. सड़क जाम की वजह से कुछ देर तक आवागमन बाधित रहा. झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष ढिलन सिंह एवं सचिव डॉ विनोद कुमार द्विवेदी के नेतृत्व में सड़क जाम व प्रदर्शन किया गया. मौके पर मोर्चा से जुड़े पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने झारखंड आंदोलनकारियों को प्रति माह 50 हजार रुपये पेंशन देने, आंदोलनकारी घोषित होने के लिए जेल जाने की बाध्यता समाप्त करने, झारखंड में समता जजमेंट लागू करने, 36 प्रतिशत रायल्टी का अधिकार देने, झारखंड आंदोलनकारियों को राजकीय सम्मान व अलग पहचान देने तथा रोजी-रोजगार एवं नियोजन का अधिकार सुनिश्चित करने की मांग की. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि झारखंड राज्य बने करीब 25 साल होने को हैं, इसके बावजूद अभी तक झारखंड के सभी आंदोलनकारियों को न तो उचित सम्मान मिला है और न ही उन्हें किसी तरह का आर्थिक सहयोग प्राप्त हुआ है. जिन लोगों ने झारखंड राज्य को अलग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी, उन्हें इसका उचित सम्मान जरूर मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि उचित सम्मान मिलने तक उनका आंदोलन क्रमबद्ध तरीके से जारी रहेगा. इधर प्रदर्शन व सड़क जाम के दौरान गढ़वा थाना प्रभारी ने सड़क जाम कर रहे कुल 53 लोगों को हिरासत में लेकर थाने ले आया. वहीं इसके करीब दो घंटे बाद सभी को रिहा कर दिया गया. इन्हें हिरासत में लिया गया : हिरासत में लिये गये लोगों में नंदलाल प्रसाद मेहता, ब्रहमदेव मेहता, विंदेश्वरी पाल, मानिक राय, रामखेलावन राम, अरूण कुमार, बालमुकुंद यादव, लालमन बैठा, दीपक विश्वकर्मा, गायत्री जायसवाल, रामजी प्रसाद, धनंजय कुमार चौबे, रामप्रवेश सिंह, जयश्री साह, रामदत्त चौबे, रामचंद्र राम, वीरेंद्र सिंह, मुंद्रिका राम, भरत प्रसाद, रामजवित मेहता, चंद्रमणि राम, केश्वर राम, भोला प्रसाद यादव, कामेश्वर यादव, शिवधर यादव, छोटू राम, केश्व राम, नागेंद्र कुमार, अशोक पाल, प्रमुख महतो, देवराज महतो व जितेंद्र सिंह सहित अन्य लोग शामिल थे.
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