Self Steam Training: समस्तीपुर और सरायरंजन प्रखंड के शिक्षकों ने प्रशिक्षण में लिया भाग
Self Steam Training: समस्तीपुर : बिहार शिक्षा परियोजना समस्तीपुर व यूनिसेफ के बैनर तले प्रशिक्षण संस्थान डायट पूसा में सेल्फ स्टीम बेस्ड लाइफ स्किल प्रोग्राम का विद्यालय स्तरीय एक दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. बुधवार को आयोजित प्रशिक्षण में समस्तीपुर और सरायरंजन प्रखंड के शिक्षकों ने प्रशिक्षण में भाग लिया. प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ डायट पूसा की प्राध्यापक सह कार्यक्रम की नोडल पदाधिकारी मयूराक्षी मृणाल, साधन सेवी शिवनाथ ठाकुर, अरूण कुमार, प्रियंका कुमारी, संजय कुमार, विजय कृष्ण, आशिक कुमार, नेहा, दिपाली व राज्य स्तरीय प्रशिक्षक रणजीत कुमार,सुभीत कुमार सिंह, ऋतुराज जायसवाल आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर विधिवत उद्घाटन किया. प्रतिभागियों का निबंधन,चेतना एवम परिचय सत्र के बाद प्रशिक्षण दिया गया. इस दरम्यान वर्ग 6 से 8 के प्रशिक्षु शिक्षकों को दीक्षा एप पर सेल्फ स्टीम बेस्ट लाइफ स्किल प्रोग्राम का कोर्स करने संबंधी भी जानकारी दी गई. जिसमें समस्तीपुर व सरायरंजन प्रखंड के 112 नामित शिक्षकों ने प्रशिक्षण में भाग लिया. मौके पर प्रशिणार्थियों को संबोधित करते हुए मास्टर ट्रेनर ने कहा कि किशोर-किशोरियों के जीवन कौशल को निखारने और उनमें बॉडी इमेज की सकारात्मक सोंच विकसित करने में सेल्फ स्टीम प्रशिक्षण सहायक सिद्ध होगा. साथ ही समाज में चली आ रही रूढ़िवादिता में कमी आएगी. राज्य से प्रशिक्षण प्राप्त मास्टर ट्रेनर रणजीत कुमार व सुभीत कुमार सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान आत्मसम्मान की कमी, रंग रूप एवं शारीरिक बनावट को लेकर उत्पन्न् हीन भावना, लैंगिक रूढ़िवादिता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर शिक्षकों को इसकी जानकारी आवश्यक है.Self Steam Training:किशोर व किशोरियों के मानसिक व शैक्षणिक विकास में आने वाली बाधा को दूर करने के संबंध में जानकारी दी
किशोर व किशोरियों के मानसिक व शैक्षणिक विकास में आने वाली बाधा को दूर करने के संबंध में जानकारी दी गई. कार्यक्रम हानिकारक बातों को समझने व उन्हें चुनौती देने पर केंद्रित सेल्फ स्टीम बेस्ड लाइफ स्किल्स कार्यक्रम में किशोरावस्था में आने वाली विभिन्न समस्याओं पर भी गौर करते हुए बच्चों को उससे उबारने संबंधित बातों की जानकारी दी गयी. सेल्फ स्टीम बेस्ट लाइफ स्किल प्रोग्राम का उद्देश्य किशोरों में उनके शरीर के प्रति आत्मविश्वास आत्म सम्मान और हानिकारक जानकारी के बारे में उनकी समझ को विकसित करना है. प्रशिक्षक ऋतु राज जायसवाल ने बताया कि यह कार्यक्रम किशोरों में खुद के शरीर की छवि, बॉडी इमेज और आत्मसम्मान में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित करेगा. इस कार्यक्रम में लिंग संबंधित रूढ़ियों, आदर्श रूप, मीडिया के आदर्श रूप, रूप-रंग की तुलना को समझना और शारीरिक बनावट से जुड़ी हानिकारक बातों को समझने व उन्हें चुनौती देने पर केंद्रित है. सम्मिलित शिक्षकों ने जेंडर समस्या के निदान पर आधारित समूहवार रोल प्ले कर अपनी-अपनी प्रस्तुति प्रदान की. प्रशिक्षण का समापन प्रशिक्षुओं द्वारा फीडबैक सत्र से किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है