कोलकाता. राजभवन में लंबे समय से खाली पड़े सचिव पद पर नियुक्ति होने जा रही है. साथ ही नबान्न द्वारा राजभवन के कुछ अन्य प्रशासनिक पदों पर भी अधिकारियों की नियुक्ति की जायेगी. सूत्रों के मुताबिक, अगर सब ठीकठाक रहा तो राज्य प्रशासन के शीर्ष अधिकारी दुर्गा पूजा से पहले राजभवन में कई रिक्तियों का कार्यभार संभाल लेंगे. वर्ष 2022 के नवंबर में सीवी आनंद बोस को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. उस समय राज्य सरकार ने नंदिनी चक्रवर्ती को राज्यपाल के सचिव के रूप में नियुक्त किया था, लेकिन राजभवन और नवान्न के बीच विवाद के कारण राज्यपाल ने नंदिनी को सचिव पद से हटाने की इच्छा जतायी, जिसके बाद नंदिनी का तबादला पर्यटन विभाग में कर दिया गया. नंदिनी वर्तमान में राज्य की गृह सचिव के रूप में कार्यरत हैं. राजभवन सूत्रों के मुताबिक इन दोनों के अलावा सचिव स्तर के कई पद डेढ़ साल से अधिक समय से खाली हैं. सूत्रों के मुताबिक, इस बार नबान्न उन सभी पदों पर अधिकारियों की नियुक्ति करने जा रहा है. वहीं, गत तीन सितंबर को विधानसभा में अपराजिता बिल पास हुआ था, जिसे मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया, जहां राजभवन ने नबान्न को बताया कि आवश्यक ””तकनीकी रिपोर्ट”” के अभाव के कारण राज्यपाल अपनी सहमति नहीं दे रहे हैं. इसके बाद मुख्य सचिव मनोज पंत राजभवन गये. उस बैठक के बाद गवर्नर ने बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेज दिया. इस तरह की गतिविधियों को देखकर लगता है कि राजभवन और नबान्न अतीत की ””कड़वाहट”” को भूलकर ””शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व”” की राह पर हैं. राजनेताओं के एक वर्ग का मानना है कि मौजूदा हालात में दोनों पक्षों ने टकराव के माहौल से खत्म करने का संदेश दिया है.
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