आरजी कर कांड. तृणमूल सरकार और जूनियर डॉक्टरों में बढ़ता जा रहा टकराव कोलकाता. आरजी कर कांड के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है. राज्य सरकार ने गतिरोध खत्म करने के लिए बातचीत की पेशकश की थी. लेकिन जूनियर चिकित्सकों की ओर से वार्ता के लिए कुछ शर्तें रखी गयीं, जिसे सरकार ने मानने से इंकार कर दिया. इससे जूनियर डॉक्टरों और राज्य सरकार के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. सरकार ने बुधवार को साफ कर दिया कि आंदोलनकारी डॉक्टरों के साथ बैठक की कोई शर्त स्वीकार्य नहीं है. स्वास्थ्य राज्यमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने नबान्न भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बातचीत के लिए शर्तें लगाना चिकित्सकों की समस्याओं का समाधान तलाशने के लिए खुले मन से आगे आने का संकेत नहीं है. सरकार उनकी हर बात सुनने के लिए तैयार है. लेकिन वे ऐसी बैठक के लिए पूर्व शर्तें नहीं तय कर सकते. उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी डॉक्टर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी नहीं मान रहे हैं. शीर्ष अदालत के आदेश का पालन करना हम सभी का कर्तव्य है. खुले मन से बातचीत में शामिल हों चिकित्सक मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन को राजनीति से प्रेरित बताया. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन के पीछे निश्चित रूप से राजनीतिक खेल है. मंत्री ने चिकित्सकों को राजनीतिक खेल बंद कर खुले मन से बातचीत में शामिल होने का आह्वान किया. बातचीत के लिए जूनियर डॉक्टरों ने रखीं ये शर्तें 15 प्रतिनिधियों के बजाय बैठक में कम से कम 30 प्रतिनिधियों को शामिल होने की अनुमति दी जाए. केवल उनकी मांगों पर बातचीत हो. बातचीत का टीवी पर सीधा प्रसारण किया जाए और चर्चा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में हो. क्या हैं मांगें डॉक्टर राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि जब तक सभी प्रमुख अधिकारियों जैसे-कोलकाता के सीपी, स्वास्थ्य सचिव व अन्य को नहीं हटाया जाता, तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे. जूनियर डॉक्टरों की प्रतिक्रिया सकारात्मक नहीं : पंत राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों से कई बार बात करने की कोशिश की, लेकिन उनका शर्तों के साथ बातचीत पर जोर देने के चलते समस्या का हल नहीं निकल पा रहा है. हमने आज भी उन्हें मेल भेज कर बातचीत करने की अपील की थी, ताकि उन्हें बताया जा सके कि हमारी क्या योजना है. लेकिन उनकी प्रतिक्रिया सकारात्मक नहीं रही. हम खुले तौर पर बात करना चाहते हैं. हम डॉक्टरों को सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध : डीजीपी राज्य के डीजीपी राजीव कुमार ने कहा कि डॉक्टरों को सुरक्षा देने की जिम्मेदारी हमारी है और हम आपको हर प्रकार की सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. लेकिन डॉक्टरों को भी खुले मन से बातचीत करनी होगी. बैठक के लिए शर्त रखना, उचित नहीं है. राज्य सरकार आंदोलनकारी डॉक्टरों से वार्ता को तैयार है. अगर हमलोग राज्य की स्वास्थ्य सेवा को और बेहतर बनाना चाहते हैं, तो जूनियर डॉक्टरों को काम पर लौटना होगा. हम डॉक्टरों को सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध : डीजीपी राज्य के डीजीपी राजीव कुमार ने कहा कि डॉक्टरों को सुरक्षा देने की जिम्मेदारी हमारी है और हम आपको हर प्रकार की सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. लेकिन डॉक्टरों को भी खुले मन से बातचीत करनी होगी. बैठक के लिए शर्त रखना, उचित नहीं है. राज्य सरकार आंदोलनकारी डॉक्टरों से वार्ता को तैयार है. अगर हमलोग राज्य की स्वास्थ्य सेवा को और बेहतर बनाना चाहते हैं, तो जूनियर डॉक्टरों को काम पर लौटना होगा. सीनियर डॉक्टरों ने भी सरकार को चेताया डॉक्टरों की हड़ताल से परेशान राज्य सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. जूनियर डॉक्टरों से बातचीत बेपटरी होने के साथ ही सीनियर डॉक्टरों ने भी राज्य प्रशासन को चेताया है. इनका कहना है कि वे भी जूनियर डॉक्टरों के साथ हैं. उन्हें भी जूनियर डॉक्टरों के हितों की परवाह है. डॉ नारायण बनर्जी ने चेतावनी के लहजे में कहा कि अगर एक भी जूनियर डॉक्टर के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई हुई, तो वे लोग भी काम बंद कर देंगे. शर्त मानने के बाद ही होगी बात : डॉक्टर मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के बयान पर जूनियर डॉक्टरों की तरफ से किंजल नंद ने कहा कि उनके आंदोलन में कोई राजनीतिक रंग नहीं है. उनकी शर्तें सरकार मानती है, तो ही वार्ता करेंगे. अनिकेत महतो ने कहा कि जब हमारी मांग मान ली जायेगी, उसी समय हम बातचीत के लिए पहुंच जायेंगे.
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