रांची. रिम्स में डायलिसिस कराने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. क्योंकि, यहां बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं. हर माह 1250 से 1300 किडनी मरीजों का डायलिसिस हो रहा है. आयुष्मान भारत योजना के मरीजों को डायलिसिस के लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है, जबकि सामान्य मरीजों को सिर्फ 1340 रुपये देने पड़ते हैं. जबकि, निजी डायलिसिस सेंटर में इसका खर्च दोगुना से भी अधिक है.
सेंटर में 25 बेड सामान्य मरीजों के लिए
ज्ञात हो कि रिम्स के पेइंग वार्ड में नेफ्रो प्लस के सहयोग से डायलिसिस सेंटर का संचालन किया जा रहा है. सेंटर में 25 बेड सामान्य मरीजों के लिए लगाये गये हैं. वहीं, दो आइसीयू वाले मरीजों के लिए और दो बेड संक्रमित मरीजों के लिए आरक्षित हैं. संक्रमित किडनी रोगियों का डायलिसिस करने के दौरान सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है. इनमें उपयोग होने वाले डायलाइजर को अलग रखा जाता है, जिससे सामान्य मरीजों को संक्रमण का खतरा न हो.
क्या कहना है विभागाध्यक्ष का
किडनी मरीजों की संख्या डायलिसिस सेंटर में बढ़ी है. क्योंकि, यहां आयुष्मान के मरीजों को कोई शुल्क नहीं लगता है. सामान्य मरीज का भी न्यूनतम दर पर डायलिसिस किया जाता है. सुविधाएं भी बेहतर मिल रही हैं. संक्रमण रहित डायलिसिस हो, इसका पूरा ख्याल रखा जाता है. हर महीने 1250 से 1300 डायलिसिस हो रहा है.डॉ प्रज्ञा पंत, विभागाध्यक्ष, नेफ्रोलॉजी विभागB
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