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फूल उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेंगे किसान

बीएओ के सहयोग से 40 ऐसे किसानों को चिन्हित कर प्रशिक्षण के लिए पश्चिम बंगाल कोलकाता बागवानी विभाग रेल मार्ग से भेजा जायेगा

फूलों की खेती को लेकर दिलाया जायेगा प्रशिक्षण

40 किसानों को दिलाया जायेगा प्रशिक्षण

अशोक धाम, सूर्यगढ़ा, नोनगढ़, रामगढ़ चौक में हो रही फूलों की खेती

लखीसराय. आत्मा के सौजन्य से 40 फूल सब्जी उत्पादक किसानों को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं बागवानी विभाग पश्चिम बंगाल के कोलकाता में प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था की जा रही है. डीएओ सह आत्मा के परियोजना निदेशक सुबोध कुमार सुधांशु के अनुसार कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण आत्मा के सौजन्य से जलवायु अनुकूल उन्नत खेती से किसानों को जोड़ने योजना के तहत व्यावसायिक रूप से फूल या सब्जी की खेती से जुड़े किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. लखीसराय जिले में भी व्यावसायिक सब्जी एवं फूलों की खेती छिटपुट तरीके से की जा रही है. जिसे और बेहतर बनाने का प्रयास करने को लेकर इनसे जुड़े किसानों को प्रशिक्षण दिलाये जाने की व्यवस्था की गयी है. इसके लिए अलग-अलग प्रखंडों से बीएओ के सहयोग से 40 ऐसे किसानों को चिन्हित कर प्रशिक्षण के लिए पश्चिम बंगाल कोलकाता बागवानी विभाग रेल मार्ग से भेजा जायेगा. जहां इन्हें आवासीय रूप से रहकर पांच दिनों की प्रशिक्षण दिलाने का व्यवस्था किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि किसानों के विकास उन्हें आत्मनिर्भर बनाने को लेकर आत्मा अन्य विभागों से समन्वय बनाकर कई योजनाओं पर कार्य कर रही है. जिसमें उन्नत किस्म की खेती, नगदी फसल उत्पादन, फल एवं सब्जियों की खपत को उद्योग से जोड़ने, किसानी कार्य को लेकर किसानों को दक्ष बनाने के लिए प्रशिक्षण देने दिलाने आदि का कार्य प्रमुखता से शामिल है. लखीसराय जिले में गरीब गुरबों की एक बहुत बड़ी आबादी व्यावसायिक दृष्टिकोण से सब्जी और फूल की खेती से भी जुड़ा हुआ है. लखीसराय सदर प्रखंड क्षेत्र के अशोक धाम रजौना चौकी, सूर्यगढ़ा, नोनगढ़, नावाडीह, रामगढ़ चौक प्रखंड क्षेत्र के कुछ अन्य भागों में किसानों द्वारा फूलों की खेती छिटपुट तरीके से की जा रही है. जबकि दियारा एवं टाल क्षेत्र में सब्जी उत्पादक किसानों की तादाद में वृद्धि हुई है. ऐसे में इन्हें विकसित किया गया तो परिणाम सुखद मिल सकते हैं. आत्मा द्वारा अभी प्रशिक्षण दाता संस्था से व्यय बजट की मांग रखी गयी है. जिसकी स्वीकृति मिलने के बाद जल्द से जल्द इस योजना का सफल कार्यान्वयन कराया जायेगा. आत्मा के लेखापाल पंकज पांडेय के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 अंतर्गत इस योजना को तैयार कर इस पर खर्च की राशि संस्थान को निर्गत किया जायेगा. इसको उपरांत किऊल रेलवे स्टेशन प्रबंधक से सहयोग लेकर रेल मार्ग से सभी को आरक्षित टिकट के साथ प्रशिक्षण के लिए आने-जाने की व्यवस्था की जायेगी.

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