बोधगया. मगध विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान एवं बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन विभिन्न विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों से आये शिक्षक व शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र पढ़ा. प्रथम सत्र में पहला शोध पत्र पढ़ते हुए महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, मिदनापुर, पश्चिम बंगाल के पूर्व कुलपति सुब्रत कुमार डे, जूलोजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट प्रोफेसर बीएन पांडेय ने बिहैवियर ऑफ वाटर पर अपना व्याख्यान दिया. प्रोफेसर नलिन शास्री, डॉलफिन रिसर्च सेंटर, पटना के निदेशक गोपाल शर्मा, राहुल कुमार, मनीष भारद्वाज ने अपनी बात रखी. संगोष्ठी में विभिन्न विश्वविद्यालयों से लगभग 250 वैज्ञानिकों व शोधार्थियों ने हिस्सा लिया. मगध विश्वविद्यालय अंतर्गत अंगीभूत में संबंध महाविद्यालय से आये अध्यापक ने अपना शोध पत्र पढ़ा. इस आयोजन के कन्वेनर प्रो दिलीप केशरी, प्रोफेसर एसएनपी यादव दीन, डॉ भृगुनाथ, डॉ सरफराज अली, डॉ बीरेंद्र कुमार, पूनम सिंह, निक्की कुमारी, आभा कुमारी, आयोजन सचिव व बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग के समन्वयक डॉ एल के तरुण ने बताया कि संगोष्ठी के सफल संचालन में विभाग के शिक्षकेतर कर्मचारियों का भी काफी सहयोग रहा है.
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