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डेंगू की बीमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

कैमूर जिले में इस सीजन में डेंगू का कोई मामला अब तक सामने नहीं आया है, लेकिन इस बीमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग अभी से अलर्ट मोड पर है.

भभुआ सदर. कैमूर जिले में इस सीजन में डेंगू का कोई मामला अब तक सामने नहीं आया है, लेकिन इस बीमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग अभी से अलर्ट मोड पर है. इसको लेकर गुरुवार को सीएस कार्यालय में सीएस डॉ शांति कुमार मांझी के नेतृत्व में बैठक का आयोजन किया गया. सीएस ने बताया कि सदर अस्पताल भभुआ सहित सभी अनुमंडलीय व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इस बीमारी से निबटने के लिए तैयार है और जरूरत की सभी व्यवस्थाएं उपलब्ध करा दी गयी हैं. उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल भभुआ में 10 बेड का अलग से एक डेंगू वार्ड बनाया गया है. साथ ही अनुमंडल अस्पताल मोहनिया में 05 बेड तथा सभी प्रखंड स्तरीय सामुदायिक अस्पतालों में भी दो-दो बेड डेंगू पीड़ितों के लिए व्यवस्था की गयी है. उन्होंने बताया कि इस सीजन में अब तक कुल 477 लोगों का रैपिड एंटिजेंट टेस्ट कराया गया है, जिसमें चार लोग पोजेटिव पाये गये. पोजेटिव पाये गये सभी मरीजों का एलाइजा टेस्ट कराया गया, तो चारों मरीज निगेटिव पाये गये हैं. गुरुवार को डेंगू को लेकर आयोजित बैठक में एसीएमओ डॉ सत्य स्वरूप, डीआइओ डॉ आरके चौधरी और सदर अस्पताल प्रबंधक शैलेंद्र कुमार उपस्थित रहे. = बाहर से आने वाले लोगों पर विशेष नजर गौरतलब है कि 15 जुलाई के बाद डेंगू के केस बढ़ते हैं. डेंगू के केस नहीं बढ़े, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग सतर्क है और बाहर से आने वाले लोगों पर भी विशेष नजर रखी जा रही है. उन्होंने स्वास्थ्य प्रबंधक व अन्य पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि अस्पताल की साफ-सफाई में कोई कोताही नहीं बरती जाये और थोड़ी भी आशंका होने पर डेंगू के सभी जरूरी टेस्ट करवाए जाएं. = पहले डेंगू हो चुके लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत सीएस ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि डेंगू के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें. तेज बुखार आना, बदन दर्द, सिर व जोड़ों में दर्द, नाक, मसूढ़ों से उल्टी के साथ खून निकलना, त्वचा पर लाल धब्बे या चकत्ते का निशान, काला पैखाना होना डेंगू के प्रमुख लक्षण हैंं. यदि किसी व्यक्ति को पहले कभी डेंगू हो चुका है, तो उन्हें अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है, वैसे व्यक्ति दोबारा डेंगू की आशंका होने पर तुरंत सरकारी अस्पताल या चिकित्सक से संपर्क करें. तेज बुखार के उपचार हेतु एस्परीन अथवा ब्रुफेन की गोलियाें का कदापि इस्तेमाल नहीं करें, इसके लिए पेरासीटामॉल सुरक्षित दवा है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू से पीड़ित होनेवाले मरीजों के लिए फ्री एंबुलेंस सुविधा मुहैया करायी जा रही है. इसके लिए डेंगू से पीड़ित मरीज या परिजन 102 नंबर डायल कर सकते हैं, इलाज या विशेष जानकारी या परामर्श व शिकायत के लिए टॉल फ्री नंबर 104 से भी संपर्क किये जा सकते हैं.

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