पौआखाली. एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष और अमौर के विधायक अख्तरुल ईमान ने मोदी सरकार द्वारा सदन के अंदर पेश किये गए वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 2024 को काला कानून बताते हुए इसे मुसलमानों के शरियत पर मोदी सरकार का हमला बताया है. अख्तरुल ईमान गुरुवार को पौआखाली में एक नुक्कड़ रैली के माध्यम से मुसलमानों के साथ ही अमन पसंद हिंदु भाइयों से भी इस बिल पर खुलकर मुखालिफत करने की पुरजोर अपील की है.उन्होंने इस दौरान कहा कि वक्फ की जायदाद अल्लाह की अमानत है जिसे मोदी सरकार हमसे छीन लेना चाहती है.याद रखिए, अगर यह काला कानून पास हो गया तो हमारे मस्जिदों, मकबरों, दरगाहों और कब्रिस्तानों को हमसे छीन ली जाएगी और हमारे लिए मस्जिदों में अजान पढ़ना मुश्किल हो जाएगा, कब्रिस्तानों में हमारे मुर्दों को दफनाना मुश्किल हो जाएगा.अख्तरुल ईमान ने कहा कि वक्फ की जायदाद की हिफाजत के लिए संसद के अंदर पुरजोर विरोध हो रहा है.देश के अन्य सूबों से हजारों लाखों लोग इस बिल का विरोध दर्ज करवा रहे हैं किंतु बिहार और सीमांचल के लोग इस बिल के विरोध में पिछड़ रहे हैं.उन्होंने कहा कि देवबंद, बरैलवी अहले हदीस सहित सभी धार्मिक संस्थानों ने इसकी मुखालिफत की है.इसलिए नौजवानों से, सामाजिक कार्यकर्ताओं से, सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वालों से इस काले कानून का ई मेल और क्यूआर कोड के जरिए विरोध दर्ज करने की मैं अपील करता हूं.अख्तरुल ईमान ने कहा कि मोदी हुकूमत मुसलमानों को परेशान कर रही है, वक्फ बोर्ड की इमदाद को एक तरह से खत्म व बर्बाद करने की साजिश हो रही हैं जिसकी हिफाजत के लिए वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 2024 का मुखालिफत बहुत ही जरूरी है वर्ना हमें काफी नुकसान होगा.इस दौरान दर्जनों एआईएमआईएम कार्यकर्ताओं ने पैदल मार्च करते हुए मोदी हुकूमत हाय हाय, वक्फ बोर्ड संशोधन बिल से संबंधित काला कानून वापस लो वापस लो के नारे बुलंद करते दिखे.इस दौरान मो गुलाम हसनैन, इश्तियाक आलम, मुफ्ती अतहर जावेद कासमी, राहिल अख्तर, तौसीफ आलम आदि शामिल थें.
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