औरंगाबाद ग्रामीण. शहर के वार्ड नंबर 31 स्थित सोन कॉलोनी में सांप के काटने से 34 वर्षीय महिला और 15 वर्षीय किशोर की मौत हो गयी. मृत महिला की पहचान छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के चांदो थाना क्षेत्र के इदरी कलां गांव निवासी गधेल राम की पत्नी रविता देवी व किशोर की पहचान सोन कॉलोनी स्थित सुभाष सिंह के पुत्र कृष्णा वैभव के रूप में हुई है. वैसे मृतक कृष्णा वैभव का पैतृक गांव हसपुरा थाना क्षेत्र के बड़ोखर गांव में है. घटना बुधवार की रात की है. गुरुवार की सुबह मृतका की छोटी बहन पिंकी कुमारी ने बताया कि उसकी मां टुनिया देवी सिंचाई विभाग में जॉब करती थी और सोन कॉलोनी क्वार्टर के रहती थी. तीन महीने पहले उसकी मां की बीमारी से मौत हो गयी थी. एक सप्ताह पहले पिंकी अपनी बहन रविता व जीजा गधेल राम के साथ जॉब से संबंधित कागजात तैयार करने औरंगाबाद आयी थी. बुधवार की रात पूरा परिवार खाना खाकर सोया था. इधर, बगल वाले क्वार्टर के कमरे में सुभाष सिंह भी अपने परिजनों के साथ सोये थे. पता चला कि रात में करैत सांप क्वार्टर में घुसकर सो रही महिला को काट लिया. वह चीखने-चिल्लाने लगी, तो आवाज सुनकर अन्य परिजन भी जग गये. जब करैत सांप दिखा तो परिजनों ने सांप को दो-तीन चप्पल जड़ दिया. इसके बाद सांप दीवार के पास वाले बिल में सुभाष सिंह के कमरे में घुस गया. इसके बाद परिजनों ने सुभाष सिंह को फोन से सूचना दी और सदर अस्पताल आने को कहा. परिजनों ने महिला को आनन-फानन में इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. इधर, मृतक कृष्णा वैभव के पिता सुभाष सिंह ने बताया कि जब रात में जगा तो कृष्णा ने अंगुली में पीड़ा होने की बात कही. इसके बाद संदेह के आधार पर जब बिछावन को झाड़कर देखा तो बिस्तर से एक कनखजूरा मिला. हालांकि, सांप काटने की बातों को उन्होंने स्पष्ट नहीं किया है. बताया कि अंगुली में हल्का कुछ खुरेदा हुआ दिखा, लेकिन कृष्णा को पीड़ा नहीं हुआ. कुछ देर बाद अचानक जब कृष्णा की तबीयत बिगड़ी को उसे सदर अस्पताल लेकर गया, जहां डॉक्टरों ने सांप काटने की पहचान करने को कहा. सांप की पहचान करने के बाद एंटी वेनम इंजेक्शन लगाने की बात कही. हालांकि सांप को नहीं देखा था, तो डॉक्टर को स्पष्ट जानकारी नहीं दे सका. इसके बाद डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर स्थिति में रेफर कर दिया. परिजन कृष्णा को लेकर मगध मेडिकल कॉलेज गया जा रहे थे, तभी बीच रास्ते में ही उसकी मौत गयी. इसके बाद परिजन शव लेकर घर चले आये. इधर, दोनों शव जब एक ही जगह पर क्वार्टर के समीप रखा गया तो परिजनों की चीत्कार से आसपास का इलाका गूंज उठा. कृष्णा का शव घर पर आया तो उसके अंगुली में सांप के काटने का निशान पाये गये. पता चला कि मृतका रविता तीन बहनों में मंझली बहन थी. मां की मौत के बाद छोटी बहन की जॉब को लेकर कागजात से संबंधित औरंगाबाद आयी थी. उसके पति गांव पर ही खेतीबाड़ी कर परिवार का भरण पोषण करते है. रविता की एक छोटी सी मासूम बेटी भी है. पता चला कि जब सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने रविता को मृत घोषित किया तो परिजनों को विश्वास नहीं हुआ. परिजन अंधविश्वास में पड़कर उसे कई जगहों पर झाड़-फूंक कराने लेकर चले गये. इधर, कृष्णा दो भाइयों में बड़ा था. उसके पिता करीब पांच वर्षों से सोन कॉलोनी में रह रहे थे. छोटा भाई तेजस्वी वैभव, मां समेत अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. वैसे दोनों मृतकों के परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराये बिना ही अंतिम संस्कार करा दिया. इधर, रविता के परिजन औरंगाबाद से शव लेकर छतीसगढ़ के लिए रवाना हो गये.
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