विधि संवाददाता, देवघर : देवघर नगर निगम में कार्य करने वाले आठ याचिकाकर्ताओं को हाइकोर्ट ने स्थायी करने का निर्देश प्रतिवादियों को दिया है. यह आदेश रिट याचिका डब्ल्यूपी (एस) संख्या 5050/2022 अमित कुमार जजवाड़े व अन्य बनाम मुख्य सचिव झारखंड सरकार व अन्य की सुनवाई के पश्चात दिया है. यह रिट याचिका अमित कुमार जजवाड़े, समित शांडिल्य, विकास कुमार मिश्रा, विक्रम कुमार, राकेश कुमार मिश्रा, सुमन कुमार प्रसाद, प्रदीप कुमार सिंह एवं शंकर चक्रवर्ती की ओर से दाखिल किया गया था, जिसमें सरकार द्वारा मुख्य सचिव झारखंड सरकार,शहरी विकास एवं भवन निर्माण विभाग झारखंड सरकार के सचिव, संयुक्त सचिव,सहायक सचिव, सचिव, म्यूनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन अर्बन डेवलपमेंट एंड हाउसिंग डिपार्टमेंट के डायरेक्टर, एसिस्टेंट डायरेक्टर तथा म्यूनिसिपल कमिनश्नर सह देवघर नगर निगम प्रशासक को प्रतिवादी बनाया गया था.आवेदकों की याचिका में कहा गया था कि नगर निगम में 10 वर्षों से दैनिक कर्मी के रुप में काम करते आ रहे हैं और कभी किसी प्रकार की बाधा नहीं हुई है. सभी कर्मियों का कार्य बेहतर रहा है, इसलिए स्थायी कर्मी के हकदार हैं. उक्त याचिका की सुनवाई झारखंड हाइकोर्ट, रांची के जस्टिस अंबुज नाथ की बेंच में हुई और उपरोक्त निर्देशन के साथ याचिका का निष्पादन कर दिया गया. इस रिट याचिका की सुनवाई के दाैरान आवेदकाें की ओर से अधिवक्ता अंजनि कुमार वर्मा, शिव प्रसाद एवं अरविंद प्रकाश मालाकार ने पक्ष रखा, जबकि प्रतिवादियों की ओर से सरकारी अधिवक्ता एस भौविक व अधिवक्ता विजय शंकर झा ने पक्ष रखा.
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