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एसडीओ व एमओ के विरुद्ध लोअर कोर्ट ने लिए संज्ञान आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

मार्च 2025 को उच्च न्यायालय में होगी सुनवाई

मार्च 2025 को उच्च न्यायालय में होगी सुनवाई, डीलर को भी पक्ष रखने को दिया गया मौका

खगड़िया

सदर एसडीओ अमित अनुराग, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार और प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी अलौली दीपक कुमार के विरुद्ध लोअर कोर्ट ( न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी ) द्वारा लिए गए संज्ञान आदेश पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है. 9 सितंबर को न्यायमूर्ति संदीप कुमार ने सुनवाई करते हुए लोअर कोर्ट के संज्ञान आदेश पर रोक लगायी है. आगामी 11 मार्च 2025 को इस मामले की सुनवाई की तिथी निर्धारित गई है. बता दें कि सदर एसडीओ और अलौली व सदर प्रखंड के आपूर्ति पदाधिकारी ने निचली अदालत द्वारा नालिसी केस नंबर-143 सी०/24 में लिए संज्ञान आदेश के विरुद्ध हाईकोर्ट में क्रिमिनल मिसलेनियस नंबर-65792/24 दायर किया था. इधर हाईकोर्ट ने निचली अदालत के संज्ञान आदेश पर स्थगन आदेश जारी किया है. जानकार बताते हैं कि उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के बाद निचली अदालत में इस मामले की स्थगित रहेगी.

क्या है पूरा मामला

बता दें कि मथुरापुर के डीलर अनिल कुमार सीजेएम खगड़िया न्यायालय में एसडीओ सहित खगड़िया एवं अलौली प्रखंड के आपूर्ति पदाधिकारी के विरुद्ध नालिसी वाद दायर किया था. डीलर ने उक्त पदाधिकारी पर मारपीट करने सहित अन्य आरोप लगाते हुए कोर्ट में नालिसी केस फाइल किया था. साक्षी के बयान के आधार पर विभिन्न धाराओं में संज्ञान लेते हुए न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी खगड़िया ने इन तीनों पदाधिकारियों को नोटिस जारी करने के आदेश दिये थे.

फिर हाईकोर्ट पहुंचा मामला

जानकारी के मुताबिक निचली अदालत के संज्ञान आदेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय पहुंचे एसडीओ और दोनों प्रखंड के आपूर्ति पदाधिकारी ने बताया है कि उक्त डीलर ने प्रतिशोध की भावना से उनलोगों के विरुद्ध झूठा केस किया है. कहा कि, जांच के दौरान पीडीएस दुकान पर पाई गई अनियमितता के विरुद्ध जन वितरण दुकानदार अनिल कुमार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. जिसके कारण बदले की भावना से डीलर उनलोगों पर कोर्ट में झूठा नालिसी केस दायर कर दिया.

हाईकोर्ट ने जमीन बंदोबस्ती से संबंधित दायर रिट को किया खारिज

खगड़िया. पटना उच्च न्यायालय ने संस्कृत महा विद्यालय की जमीन बंदोबस्ती में अनियमितता/गड़बड़ी से संबंधित दायर रिट को खारिज कर दिया है. जानकारी के मुताबिक उच्च न्यायालय में संस्कृत कॉलेज की भूमि बंदोबस्ती में अनियमितता का आरोप लगाते हुए याचिकाकर्ता ने एसडीओ अमित अनुराग के विरुद्ध सी डब्लूजेसी नंबर-4341/24 दायर किया था. लेकिन न्यायमूर्ति राजीव रॉय ने याचिकाकर्ता की भूमिका संदिग्ध मानते हुए वाद को खारिज कर दिया. हालांकि उच्च न्यायालय ने कुलपति से इस मामले को तार्किक अंजाम तक पहुंचाने संबंधी बातें कही है.

कहते हैं एसडीओ

कुछ समय से उन्हें परेशान और बदनाम करने का षडयंत्र रचा जा रहा है. संस्कृत महाविद्यालय की जमीन बंदोबस्ती उन्होंने अकेले नहीं, बल्कि इसमें महाविद्यालय प्रशासन के आधे दर्जन से अधिक पदाधिकारी शामिल थे. गोशाला मेला में भी 10 सदस्यीय कमेटी के सहमति से निर्णय लिया गया था. इन दोनों मामलों वरीय पदाधिकारी द्वारा निष्पक्ष जांच कराई जा चुकी है.

अमित अनुराग, एसडीओ

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