गुमला
. कार्तिक उरांव महाविद्यालय ने शुक्रवार को करम पूर्व संध्या समारोह आयोजित किया गया. इस अवसर पर केओ कॉलेज की प्राचार्य डॉ शमशुम निहार को जावा फूल, पुष्प गुच्छ व अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया. मौके पर उन्होंने कहा कि करम पर्व प्रकृति को संरक्षित करने की प्रेरणा देता है. हम सभी जानते हैं कि यदि प्रकृति है, तभी हम जीवित हैं. प्रकृति के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती. हम अपना कर्म ईमानदारी से करें, सफलता जरूर मिलेगी. कुड़ुख विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ तेतरू उरांव ने करम कथा की अवधारणा को बताते हुए कहा कि करम पर्व अच्छाई व बुराई दोनों सीख देता है. जिस प्रकार करमा ने अपने भाइयों का धन चोरी कर अधिक किया. परंतु उनका धन बहुत जल्द समाप्त भी हो गया. परंतु उनके छोटे भाई धर्म सुखी संपन्न रहता था. इस प्रकार कह सकते हैं कि चोरी का धन नहीं बचता है. डॉ प्रसनजीत मुखर्जी ने कहा कि प्रकृति हमें अपने अनुराग अनुरूप चलने के लिए सिखाती है और यदि हम प्रकृति से खिलवाड़ करते हैं, तो किसी न किसी रूप में हमें दंड देती है. कुड़ुख विभाग के विभागाध्यक्ष प्रेमचंद उरांव ने कहा कि करम पेड़ 24 घंटे ऑक्सीजन प्रदान करता है. हमारे जीवन में ऑक्सीजन का बहुत महत्व है. इसलिए हमें अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए. मौके पर शशि विनय भगत, देवेंद्र साहू, डॉ लक्ष्मण उरांव, डॉ चंद्र किशोर क्रिकेटर, प्रो बीएन मिश्रा, प्रो तेतरू तिर्की, प्रो अमिताभ, अजीत कुमार हांसदा, सोहन मुंडा, अमित राघव आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है