भभुआ नगर. बीपीएससी द्वारा चयनित जिले के लगभग 80 शिक्षक-शिक्षिकाओं के कागजों में गड़बड़ी मिली है. कागजात में गड़बड़ी मिले सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को चिह्नित किया गया है, साथ ही चिह्नित किये गये सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं से स्पष्टीकरण मांगा जायेगा. स्पष्टीकरण का उचित जवाब नहीं देने पर कार्रवाई की जायेगी. दरअसल, विभागीय आदेश के आलोक में बीपीएससी द्वारा चयनित सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं के कागजातों की जांच की जा जारी है. जांच के दौरान लगभग 80 से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाओं के कागजातों में गड़बड़ी मिली है. इसमें कई शिक्षकों द्वारा उत्तर प्रदेश का निवास देकर डीएलएड की पढ़ाई की गयी व उत्तर प्रदेश से पढ़ाई पूरी करने के बाद बिहार का निवास प्रमाण पत्र दे नौकरी प्राप्त किया गया है, तो वहीं कई शिक्षकों द्वारा दिये गये जाति प्रमाण पत्र में भी गड़बड़ी पायी गयी है. इतना ही नहीं शादी होने के बाद पति के गांव से नहीं बल्कि मायके से इडब्ल्यूएस बनाकर नौकरी ली गयी है, तो कई शिक्षकों द्वारा ऐसे विश्वविद्यालय व विद्यालय से डीएलएड व बीएड का प्रमाण पत्र दिया गया है, जिसकी मान्यता ही नहीं है. इधर, जाली सर्टिफिकेट या बगैर मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से डीएलएड व बीएड की डिग्री कर नौकरी प्राप्त करने वाले सभी शिक्षकों को चिह्नित किया गया है. जल्द ही गड़बड़ सर्टिफिकेट व जाली सर्टिफिकेट देकर नौकरी प्राप्त करने वाले सभी शिक्षकों को जवाब तलब किया जायेगा. गौरतलब है कि जाली सर्टिफिकेट व गलत प्रमाण पत्र देखकर उत्तर प्रदेश की शिक्षिकाओं द्वारा बिहार के लिए आरक्षित पांच प्रतिशत छूट का लाभ सहित अन्य लाभ लेकर नौकरी प्राप्त करने वाले जिले के बीपीएससी द्वारा चयनित 14 शिक्षक-शिक्षिकाओं पर कार्रवाई हो चुकी है. वहीं, सात शिक्षकों को गलत प्रमाण पत्र देने को लेकर जवाब तलब किया गया है. = शादी होने के बाद भी मायके से बनाया गया इडब्ल्यूएस बीपीएससी द्वारा चयनित कई शिक्षिकाओं द्वारा इडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र जमा कर नौकरी पाया गया है, इसमें से अधिकतर महिलाएं विवाहित हैं, इसके बावजूद घर से नहीं बल्कि मायके से इडब्ल्यूएस बनाकर नौकरी प्राप्त किया गया है. = काउंसेलिंग में ही सही से होती जांच, तो नहीं आते इतने मामले शिक्षा विभाग द्वारा बीपीएससी द्वारा चयनित शिक्षकों के योगदान करने से पहले काउंसेलिंग करायी गयी थी, यदि काउंसेलिंग के दौरान ही सभी प्रमाण पत्रों की सही से जांच की गयी थी व जांच के बाद भी आज इतने बड़े पैमाने पर इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं, यह कहीं और ही इशारा कर रही है. अगर काउंसेलिंग के दौरान ही कागजातों की जांच अगर गंभीरता से व नियम संगत कर ली गयी थी तो आज इतने बड़े पैमाने पर ऐसी गड़बड़ी कैसे सामने आ रही है, लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. बोले प्रधान लिपिक– = इस संबंध में पूछे जाने पर फाइलों की जांच कर रहे प्रधान लिपिक अमरेंद्र कुमार ने कहा कि अभी तक बीपीएससी से चयनित लगभग 80 शिक्षक-शिक्षिकाओं द्वारा नौकरी के दौरान दिये गये कागजातों में गड़बड़ी पायी गयी है. इसे लेकर गड़बड़झाला करने वाले सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को चिह्नित किया जा रहा है व एक-दो दिन के अंदर जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा सभी शिक्षक- शिक्षिकाओं को जवाब तलब किया जायेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है