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Buxar news : कहां लगाया गया है भूमि सर्वेक्षण शिविर तलाश में इधर-उधर भटकते रहते हैं रैयत

Buxar news : जिले में चल रहे विशेष सर्वेक्षण के लिए तो सभी पंचायत व मौजा में तो प्रचार-प्रसार 31 अगस्त तक कर दिया गया

बक्सर. जिले में चल रहे विशेष सर्वेक्षण के लिए तो सभी पंचायत व मौजा में तो प्रचार -प्रसार 31 अगस्त तक कर दिया गया. एक सितंबर से प्रपत्र दो जमा करना रैयत अंचल शिविर में जमा करना शुरू कर दिया गया. लेकिन अभी तक विशेष सर्वेक्षण शिविर में मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं हुआ. भूलभूत सुविधा जैसे में अमीन व कानूनगो के बैठने के लिए चेयर , लकड़ी का टेबुल, लकड़ी का कुर्सी प्लास्टिक कुर्सी, बक्सा, तख्ती तिपाई , कैल्कुलेटर चेन जरीब, मापने का टेप, गुनिया, प्लॉटिंग का स्केल डिवाईडर ब्रास, सूजा मैप कंटेनर / कवर , बक्सा विशेष सर्वेक्षण शिविर शुरू होने के एक माह बाद भी नहीं उपलब्ध हो पाया है. मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण रैयत भी प्रपत्र दो भर कर जमा करने में डर रहे हैं. बक्सा नहीं होने के कारण प्रपत्र दो अमीन अपने आवास पर ही रख रहे हैं. ऐसे में रैयतों को प्रपत्र दो जमा करने में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मूलभूत सुविधा नहीं होने के कारण सदर अंचल विशेष सर्वेक्षण शिविर में अभी तक 110664 रैयत में से अभी तक लगभग 500 रैयतों ने ही जमा किए है प्रपत्र दो. शिविर में मूलभूत सुविधाएं के लिए 2 सितम्बर को टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर दी गयी थी. लेकिन अभी कुछ सामग्री प्लास्टिक की कुर्सी, स्केल टेप तो उपलब्ध हो गया है लेकिन और अन्य सामग्री अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाई है. यही नहीं सदर प्रखण्ड के अलग – अलग मौजा से आए लोग शिविर खोजते रहते हैं. अगर शिविर के बाहर पोस्ट या बैनर लगा रहता तो रैयत को शिविर में जाने के लिए भटकना नहीं पड़ता. यही नहीं विशेष सर्वेक्षण शिविर में लगाया गया अमीन व कानूगो को अभी तक परिचय प्राप्त नहीं हुआ. परिचय प्राप्त नहीं होने के बहुत सारे रैयत को बिचौलिया के संपर्क में आ जाते हैं और उनसे अच्छा खासा पैसा भी ले लेते हैं. शिविर में आये जगदीशपुर पंचायत के कुलहड़िया निवासी श्याम बाबू गोड ने बताया कि हम प्रपत्र दो भरने के लिए तीन दिन से शिविर और अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. हम मजदूर आदमी है. हमें प्रपत्र भरने में कठिनाई हो रहा है. और मुझे कभी शिविर से अंचल कार्यालय में भेजा जाता है तो कभी अंचल कार्यालय से शिविर में भेजा दिया जाता है. प्रखंड शिविर के सामग्री के लिए टेंडर की प्रकिया दो सितंबर को ही पूरा कर दिया गया था लेकिन अभी तक चयनित एजेंसी के द्वारा अभी सामग्री उपलब्ध नहीं कराया गया है. जिसके कारण विशेष सर्वेक्षण कर्मचारी व रैयत की होती है समस्या. सूत्रों को माने तो टेंडर की प्रक्रिया पुरा होने के एक सप्ताह के अंदर है सामग्री का उपलब्ध करा देना था.उपलब्ध नहीं होने के कारण विशेष सर्वेक्षण अमीन के द्वारा रैयत के द्वारा दिए गए प्रपत्र दो अमीन अपने आवास पर ही इकट्ठा करके रख रहे हैं. जबकि प्रपत्र दो अंचल शिविर में ही रखना है लेकिन बक्सा एवम मूलभूत सुविधाएं नहीं होने के कारण आवास पर रख रहे हैं. इस संबंध में विशेष सर्वेक्षण अधिकारी कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं.

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