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धर्मागत परासी गांव में चाकू से गोद कर वृद्ध की हत्या, पतोहू जख्मी

काराकाट थाना क्षेत्र के धर्मागत परासी गांव में शुक्रवार की सुबह करीब सात बजे एक वहशी दरिंदा ने 58 वर्षीय वृद्ध की चाकू से गोद-गोद कर हत्या कर की. इसके बाद उसकी पतोहू पर टूट पड़ा और उस पर भी कई बार हमला कर जख्मी कर दिया.

काराकाट. काराकाट थाना क्षेत्र के धर्मागत परासी गांव में शुक्रवार की सुबह करीब सात बजे एक वहशी दरिंदा ने 58 वर्षीय वृद्ध की चाकू से गोद-गोद कर हत्या कर की. इसके बाद उसकी पतोहू पर टूट पड़ा और उस पर भी कई बार हमला कर जख्मी कर दिया. पतोहू को लोगों ने पीएचसी गोड़ारी पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद अनुमंडलीय अस्पताल रेफर कर दिया गया. वहां वह अब खतरे से बाहर बतायी जाती है. घटना की सूचना पर पुलिस के साथ बिक्रमगंज सर्किल इंस्पेक्टर शेर सिंह यादव भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने बताया कि मृतक धर्मागत परासी गांव निवासी 58 वर्षीय लोरिक सिंह पिता स्व. नगीना यादव है और जख्मी महिला मृतक की पतोहू 32 वर्षीय डिंकी देवी पति इंदल सिंह है. सर्किल इंस्पेक्टर ने बताया कि मिली जानकारी के अनुसार, घटना को अंजाम देने वाला इसी गांव का पप्पू कुमार पिता स्व. कामेश्वर सिंह है. वह घटना को अंजाम देकर गांव की गली से धान के खेत होकर झाड़ी से छुपते हुए घने जंगल की ओर भाग गया है. ग्रामीणों ने बताया कि सुबह-सुबह जैसे ही लोगों को घटना की जानकारी मिली, तो गांव में दहशत फैल गयी. घटना की जानकारी ग्रामीणों ने पुलिस को दी, तो पुलिस घटना स्थल पर पहुंच जांच में जुटी गयी. इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपित पप्पू कुमार का इस परिवार से पुरानी अदावत है. करीब आठ वर्ष पहले पप्पू को इसी घर के लोगों ने पकड़ कर पीटा था, जिसमे बाद में हुई प्राथमिकी में पप्पू की कोर्ट से जमानत रद्द हो गयी थी. उसे कोर्ट में सरेंडर करना था. इसी को लेकर वह लोरिक सिंह और उनके पुत्र और पुत्रवधू पर लगातार दबाव बना रहा था. फोन पर काफी अनाप-शनाप बोल रहा था. इसकी रिकॉर्डिंग भी परिजनों ने सुनायी. इसी मामले में पप्पू गुरुवार की शाम को ही दिल्ली से गांव आया था और सुबह होते ही हाथ में चाकू लिये लोरिक सिंह के घर आ गया. उसे आते हुए कई लोगों ने देखा और समझाया भी. बावजूद इसके वहशी बने पप्पू ने दुकान से सब्जी लेकर जैसे ही लोरिक सिंह घर में घुसे, तो उन पर चाकू से हमला कर दिया और देखते ही देखते मौत के घाट उतार दिया. इसका विरोध करने के लिए पतोहू डिंकी देवी हाथों से ईंट-पत्थर चलाने लगी. इससे नाराज पप्पू डिंकी पर टूट गया और जब तक वह संभल पाती, उसने कई वार करके उसे जख्मी कर दिया. इस बीच, लोग हो-हल्ला करने लगे, तो वह चाकू लहराते भागने में कामयाब भी हो गया. पुलिस ने बॉडी को परिजनों के साथ पोस्टमार्टम के लिए सासाराम भेज दिया. पुलिस आरोपित की तलाशी के लिए छापेमारी कर रही है. शादी के बाद से ही डिंकी के फेर में रहता था पप्पू लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक, लोरिक सिंह ने अपने इकलौते पुत्र इंदल सिंह की शादी एक खूबसूरत लड़की डिंकी से की. लेकिन, एक गरीब परिवार की बहु बन खूबसूरत सी दिखने वाली डिंकी जब यहां आयी, तो आसपास में उसकी खूबसूरती के चर्चे होने लगे. इंदल भी फुले नहीं समा रहा था कि उसकी पत्नी बेहद खूबसूरत है और यहीं खूबसूरती अब एक गरीब परिवार के लिए सिरदर्द का कारण बन गयी. मुहल्ले में ही रहने वाला पप्पू कुमार अक्सर इंदल सिंह की पत्नी डिंकी देवी पर फब्तियां कसता था. धीरे-धीरे वह डिंकी से एकतरफा प्यार में दीवाना बनता गया. इसी दीवानगी में वह कई बार उसके घर में घुसकर विवाहिता के साथ दुष्कर्म करने की कोशिश भी की. इसी क्रम में एक दिन पकड़ा गया और तब उसे पकड़ कर जम कर पिटाई की गयी थी. पिटाई से वह काफी जख्मी हो गया. दसके बाद थाने में दोनों तरफ से एफआइआर दर्ज करायी गयी. इसमें लोरिक व इनके परिजन जेल भी गये थे. उसके बाद न्यायालय से लोरिक परिवार का केस खत्म हो गया. लेकिन, छेड़खानी का केस अब भी चल रहा है. दसमें अभियुक्त पप्पू कुमार की बेल टूट गयी थी. बेल टूटने के बाद अभियुक्त पप्पू कुमार गुरुवार को फोन पर डिंकी देवी को धमकी दी थी कि तुम लोगों को गोली मारेंगे. हत्या कर देंगे. इकी रिकॉर्डिंग भी उनके पास सुरक्षित है. इसके बाद शुक्रवार को सुबह पप्पू डिंकी देवी के घर पहुंचा. डिंकी देवी और ससुर के साथ बहस की. इसके बाद वापस चला गया. दोबारा चाकू लेकर डिंकी देवी के घर पहुंचा. चाकू से लोरिक सिंह पर तब तक हमला करता रहा, जब तक उनकी मौत नहीं हुई. अपने ससुर को बचाने आयी डिंकी देवी को भी उसने चाकू से कई वार कर घायल कर दिया और मौके से भाग निकला. पप्पू के डर से आठ वर्ष से गांव छोड़कर दिल्ली रहते थे लोरिक और परिजन घटना के बाद जुटे नाते-रिश्तेदारों ने बताया कि इसी के डर से लोरिक और परिजन आठ वर्ष से दिल्ली रहते थे. लेकिन, उसके बावजूद घटना घट गयी. अब कहां जायेंगे. रिश्तेदारों ने बताया कि आठ वर्ष पूर्व जब दोनों पक्षों के बीच एफआइआर दर्ज हुई थी, तब लोरिक सिंह को जेल जाना पड़ा था. जेल से आने के बाद लोरिक सिंह गांव छोड़कर इकलौते पुत्र इंदल के पास दिल्ली चले गये थे. इंदल सिंह और डिंकी की चार संतानें हैं. इनमें सबसे बड़ी बेटी शिवानी की उम्र नौ वर्ष, साक्षी की उम्र छ वर्ष, चार साल का बेटा और दो साल की बेटी सृष्टि है. सभी माता डिंकी देवी, दादा लोरिक सिंह के साथ दो वर्ष से गांव में आकर रह रहे थे. इंदल सिंह दिल्ली में प्राइवेट कंपनी में कार्य करता है और दो दिन पहले ही यहां से दिल्ली गया है.

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