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Jamshedpur News : ये कैसा अस्पताल ! न डॉक्टर हैं न नर्स

उपेक्षा. आउटसोर्स कर्मियों के भरोसे चल रहा धालभूमगढ़ सीएचसी

– सीएचसी में संसाधनों की कमी, 7 डॉक्टरों की जगह एक भी पदस्थापित नहीं

– 60 हजार की आबादी वाले क्षेत्र के मरीज इलाज के लिए दूर जाने को विवश

धालभूमगढ़.

धालभूमगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत बदहाल है. लगभग 60 हजार की आबादी पर स्थित सीएचसी में एक भी एमबीबीएस डॉक्टर नहीं हैं. ओपीडी में एक भी एएनएम और जीएनएम नहीं हैं. अस्पताल आउटसोर्स कर्मियों के भरोसे संचालित है. चिकित्सा प्रभारी भी प्रतिनियुक्ति पर हैं.

पीएचसी को बना दिया सीएचसी, लेकिन सुविधाएं नहीं

धालभूमगढ़ में लगभग दो करोड़ की लागत से 2010 में सीएचसी का नया भवन बना, पर आज तक इसका उद्घाटन नहीं हुआ. इससे बिना उपयोग के ही वह जर्जर हो गया. खिड़की के शीशे टूट गये. पंखे, पाइप और बेसिन चोरी हो गयी. विभाग का दबाव बढ़ने के बाद नरसिंहगढ़ पीएचसी को ही सीएचसी में तब्दील कर दिया गया. सीएचसी की यहां कोई सुविधा नहीं है. जनप्रतिनिधियों से लेकर पदाधिकारियों ने नवनिर्मित सीएचसी भवन का कई बार निरीक्षण किया, पर यहां आज तक इलाज शुरू नहीं हुआ.

एक भी एमबीबीएस डॉक्टर नहीं

चिकित्सा प्रभारी डॉ ओपी चौधरी मानते हैं कि सीएचसी में संसाधनों की कमी है. 7 डॉक्टर की जगह एक भी डॉक्टर का पदस्थापन नहीं है. वे स्वयं प्रतिनियुक्ति पर हैं. ओपीडी में न तो एएनएम है और न ही जीएनएम. प्रसव गृह तक एएनएम की कमी है. अस्पताल आउटसोर्स कर्मियों के भरोसे है.

सीएचसी में मात्र एक वार्ड और तीन बेड

सीएचसी में एक वार्ड है और तीन बेड हैं. महिला और पुरुष का एकसाथ इलाज होता है. एक वार्ड को स्टोर रूम बना दिया गया है. परिसर में सामान बिखरे रहते हैं. मरीज के वार्ड में इनवर्टर का कनेक्शन नहीं है. चिकित्सकों के कक्ष में एसी चलता है.

आयुष चिकित्सकों के भरोसे ओपीडी

ओपीडी में आयुष के एक और विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तीन चिकित्सक हैं. आयुष के चिकित्सक आयुर्वेद और आरबीएसके के चिकित्सक होमियोपैथिक के हैं. उन्हीं के भरोसे अस्पताल चलता है. सामान्य मरीजों से लेकर एक्सीडेंट और प्रसव गृह में प्रसूता महिलाओं की जांच समेत कई कार्य उन्हीं के जिम्मे है. प्रसव गृह में पर्याप्त संख्या में एएनएम नहीं है.

—कोट–

सीएचसी का कई बार निरीक्षण कर सिविल सर्जन और प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी को वस्तुस्थिति से अवगत कराया है. पर आज तक स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ. चिकित्सा प्रभारी यहां रहते नहीं हैं. सिविल सर्जन से बातकर वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए अविलंब चिकित्सक और पर्याप्त स्वास्थ्यकर्मी का पदस्थापन करने की मांग की है. इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन सौंपूंगी.

-बिलासी सिंह, मुखिया, कोकपाड़ा-नरसिंहगढ़ पंचायत.B

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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