कोलकाता.
विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शनिवार को सोशल मीडिया एक्स के माध्यम से मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सीएम ममता बनर्जी को जूनियर डॉक्टरों के साथ द्विपक्षीय चर्चा के दौरान लाइव स्ट्रीमिंग से दिक्कत है, लेकिन जब वह अचानक धरना स्थल पर पहुंचती हैं और एकतरफा भाषण देना शुरू कर देती हैं, तो उन्हें इस लाइव कवरेज से कोई दिक्कत नहीं होती. श्री अधिकारी ने मुख्यमंत्री के धरना स्थल पर दौरे के संबंध कहा कि वह सिर्फ प्रशासक के तौर अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रही हैं. अगर वास्तव में उनको जूनियर चिकित्सकों की चिंता होती, तो 12 सितंबर को ही सीधा प्रसारण करते हुए बैठक करतीं. लेकिन मुख्यमंत्री ने ऐसा नहीं किया, जिसकी वजह से जूनियर चिकित्सकों को भारी बारिश व खराब मौसम के बीच रास्ते पर रात गुजारने के लिए मजबूर होना पड़ा है. श्री अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ऐसा करके सहानुभूति हासिल करने की कोशिश कर रही हैं. मुख्यमंत्री जी सभी जानते हैं कि आपका 26 दिनों का आंदोलन कितना ‘वास्तविक और सच्चा’ था. आप जूनियर डॉक्टरों के वास्तविक और उचित आंदोलन और नागरिक समाज द्वारा किये गये स्वतःस्फूर्त विरोध से घबरा गयी हैं. श्री अधिकारी ने आगे कहा कि अगर आप वाकई अपनी छवि सार्वजनिक रूप से बचाना चाहती हैं, तो कम से कम स्वास्थ्य और गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दें.डॉक्टर बिरादरी में संदेह का बीज बोने धरनास्थल पर गयीं मुख्यमंत्री : मालवीय
कोलकाता. आरजी कर कांड का विरोध कर रहे जूनियर डॉक्टरों के धरनास्थल पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अचानक पहुंचने पर भाजपा ने कटाक्ष किया. भाजपा ने आरोप लगाया कि सीएम ने डॉक्टर बिरादरी के बीच संदेह के बीज बोने और फोटो खिंचाने के लिए यह दौरा किया. इस संबंध में बंगाल में भाजपा के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर कहा कि ममता बनर्जी ने स्वास्थ्य भवन जाते समय रास्ते में जूनियर डॉक्टरों के धरनास्थल का दौरा किया. पांच मिनट का भाषण दिया. लेकिन इस दौरान न्याय के लिए नारे लगे. उन्होंने दावा किया कि ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारी चिकित्सकों से बातचीत नहीं की और न ही उनकी बात सुनी. मालवीय ने कहा, ‘यह डॉक्टर बिरादरी के बीच संदेह के बीज बोने के लिए मीडिया में फोटो खिंचवाने का एक अवसर मात्र था. इसके लिए उनकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि उनका आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की बलात्कार और हत्या पीड़िता को न्याय दिलाने और गतिरोध को हल करने का स्पष्ट रूप से कोई इरादा नहीं है. उनका अहंकार पश्चिम बंगाल के जन स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को नुकसान पहुंचा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है