संवाददाता, चाईबासा
पश्चिमी सिंहभूम जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से वन प्रशिक्षण केंद्र के सभागार में एक दिवसीय जिला स्तरीय मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल पर कार्यशाला आयोजित हुई. जिसमें पीड़ित परिवार को ससमय और उचित मुआवजा दिलाने के प्रावधानों के सरलीकरण पर विशेष रूप से चर्चा की गयी. मुख्य अतिथि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार मेहम्मद शाकिर थे. उन्होंने कहा कि मोटर व्हीकल से जुड़े विभिन्न पहलुओं को समझने का यह महत्वपूर्ण अवसर है. मोटर व्हीकल एक्सीडेंट से जुड़े क्लेम के मामले में कानून का पालन होना बेहद आवश्यक है. बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाने पर दंड का प्रावधान है. वहीं, उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने प्रतिभागियों को कार्यशाला का अधिकाधिक लाभ उठाने का आह्वन किया. प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय योगेश्वर मणि ने मोटर वाहन दुर्घटना से जुड़े सूक्ष्म बिंदुओं पर न्यायिक प्रक्रिया की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की.मोटर दुर्घटना कानून में संसोधन को बताया
वहीं, उपस्थित लोगों को जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद ने भी संबोधित किया और सहयोग का आश्वासन दिया. मुख्य वक्ता और विषय विशेषज्ञ झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अरविंद कुमार लाल ने दुर्घटना के शिकार परिवार वालों को ससमय और उचित मुआवजा के भुगतान में आने वाले प्रावधानों के अड़चनों और उसे दूर करने के उपाय को बताया. मोटर दुर्घटना कानून में 2022 में हुए संशोधनों का उल्लेख करते हुए कहा कि सड़क दुर्घटना के मामले में 30 दिनों के अंदर पुलिस को इससे संबंधित कागजात न्यायालय में प्रस्तुत करना है. ऐसा नहीं होने पर संबंधित कोर्ट को इसकी सूचना देना आवश्यक है. वहीं, गोल्डन आवर पर विशेष जोर देते हुए गुड सेमिटरन के बारे में जानकारी दी. मौके पर विकास दोदराजका, श्रद्धा बोस, राजीव कुमार सिंह, सुरेंद्र प्रसाद दास, रामेश्वर प्रसाद, ऑगस्टिन कुल्लू आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है