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Oral examination of children: पहली बार दूसरी कक्षा के बच्चों की भी होगी मौखिक परीक्षा

Oral examination of second class children for the first time जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में 18 सितंबर से दो पालियों में अर्द्ध वार्षिक परीक्षा ली जाएगी. पहली पाली की परीक्षा सुबह दस से दोपहर 12 बजे तो दूसरी दोपहर एक से तीन बजे तक होगी.

Oral examination of children:

समस्तीपुर : जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में 18 सितंबर से दो पालियों में अर्द्ध वार्षिक परीक्षा ली जाएगी. पहली पाली की परीक्षा सुबह दस से दोपहर 12 बजे तो दूसरी दोपहर एक से तीन बजे तक होगी. परीक्षा में लगभग छह लाख विद्यार्थी शामिल होंगे. पहली बार दूसरी कक्षा के छात्रों की भी सिर्फ मौखिक परीक्षा ली जाएगी. जबकि, पहले से ही पहली कक्षा के विद्यार्थियों की मौखिक परीक्षा ली जा रही है. इन दोनों कक्षाओं के छात्रों के लिए ई-शिक्षा कोष के माध्यम से प्रश्नपत्र उपलब्ध कराये जाएंगे. तीसरी से आठवीं कक्षाओं के विद्यार्थियों की लिखित परीक्षा ली जायेगी. इस बार दो फीट की दूरी पर परीक्षार्थियों को बैठाया जाएगा. ताकि, एक दूसरे को देखकर नकल नहीं कर सकें. परीक्षा शुरू होने के एक घंटे बाद ही परीक्षार्थियों को वर्ग कक्ष से बाहर जाने की अनुमति दी जायेगी. खास बात यह कि इस बार अर्द्ध वार्षिक परीक्षा में वीक्षण कार्य के लिए प्रखंड स्तर पर एक विद्यालय में कार्यरत शिक्षक को दूसरे विद्यालय में प्रतिनियुक्त किया जायेगा. ताकि, परीक्षा स्वच्छ एवं कदाचार मुक्त संपन्न हो सके. जबकि, एचएम व स्कूल के एक वरीय शिक्षक अपने ही स्कूल में केन्द्राधीक्षक के रूप में काम करेंगे.

Oral examination of children: बीईओ व एचएम को पत्र भेजकर कदाचारमुक्त परीक्षा लेने का आदेश

डीईओ ने बीईओ व एचएम को पत्र भेजकर कदाचारमुक्त परीक्षा लेने का आदेश दिया है. तीसरी से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों की उत्तर-पुस्तिका की जांच निकट के सीआरसी (कॉम्पलेक्स रिर्सोस सेंटर) में की जाएगी. मूल्यांकन का कार्य सीआरसी स्तर पर शिक्षकों द्वारा 26 से 30 सितंबर तक किया जाएगा. डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि परीक्षा की सफलता और किसी को परेशानी न हो इसके लिए जिला शिक्षा कार्यालय में जिला नियंत्रण कक्ष स्थापित होगा. यहां कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी. जारी शेड्यूल के मुताबिक 18 सितंबर पर्यावरण अध्ययन/सामाजिक विज्ञान (3 से 8) विज्ञान (6-8), 19 सितंबर राष्ट्रभाषा हिन्दी (3 से 8) संस्कृत (6-8), 20 सितंबर सह-शैक्षणिक गतिविधियां, 21 सितंबर भाषा (1 से 5) भाषा (6-8), 22 सितंबर सह-शैक्षिक गतिविधियां (मदरसा विद्यालय), 23 सितंबर अंग्रेजी (1-5) – अंग्रेजी (6-8), 24 सितंबर गणित (1-5) – गणित (6-8) की परीक्षा ली जाएगी. लेकिन यह परीक्षा बच्चों से ज्यादा शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण है. क्योंकि बच्चों की परीक्षा परिणाम बताएंगे कि शिक्षकों द्वारा दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता कैसी है. अर्द्ध वार्षिक परीक्षा के आयोजन और शिक्षकों की भूमिका को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित किया है कि शिक्षकों के शैक्षणिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन को सेवा पुस्तिका में अंकित करेंगे. स्कूलों में परीक्षा तो प्रत्येक वर्ष आयोजित होती रही है. लेकिन इस बार अपर मुख्य सचिव ने बदलाव किया है. उन्होंनें निर्देश दिया है कि शिक्षा की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुये इस परीक्षा हेतु प्रत्येक विद्यालय में वीक्षण का कार्य दूसरे विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा किया जाएगा तथा उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन भी दूसरे विद्यालय के शिक्षकों द्वारा किया जाएगा. इस निर्णय का उद्देश्य यह है कि सभी सरकारी प्रारंभिक एवं मध्य विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों की अर्द्धवार्षिक परीक्षा का परीक्षाफल यह प्रतिबिंबित करेगा कि उक्त विद्यालय के शिक्षक द्वारा दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता कैसी है.

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