Bihar News: पटना. बिहार के स्वास्थ्य व कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि मछली खाने से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही बुद्धि भी बढ़ती है. बिहार के लोगों को अब ताजा मछली खाने को मिल रहा है. पिछले दस वर्षों में बिहार ने मछली उत्पादन में करीब 200 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है. इससे रोजगार के साथ ही लोगों की आय बढ़ी है. बिहार अब मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर होने के करीब है. आंध्र और बंगाल की मछलियों पर हमारी निर्भरता लगातार कम हो रही है. सीमांचल के इलाके में तो बिहार की मछलियां बंगाल निर्यात हो रही हैं.
10 वर्षों में 200 प्रतिशत बढ़ा मछली का उत्पादन
बिहार में मांसाहार उत्पादन में बढ़ोतरी की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में पिछले 10 वर्षों में केवल मछली ही नहीं में दूध, अंडा, व मांस का उत्पादन भी बढ़ा है. ज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि दूध में 160, अंडा में 207, मांस में 120 और मछली उत्पादन में 193 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि 2023-24 में राज्य में मछली उत्पादन 8.73 लाख टन हुआ. 2005 के पहले उत्पादन बहुत ही कम था. मछली उत्पादन में आज हम आत्मनिर्भर हो गए हैं. सालाना 38 हजार टन मछली अब बिहार से दूसरे राज्यों को भेजी जा रही है.
बिहार में 207 हैचरी से 70 फीसदी बीज उत्पादन
पशुव मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु देवी ने कहा कि चौथे कृषि रोडमैप के तहत वर्ष 2023 से 28 तक पशु व मत्स्य संसाधन विकास के लिए 3 हजार करोड़ का प्रावधान है. बिहार में 207 हैचरी से जरूरत का 70 फीसदी मछली बीज उत्पादन हो रहा है. विभाग की प्रधान सचिव डॉ. एन विजयलक्ष्मी ने कहा कि दूध, मांस, मछली और अंडा उत्पादन से 85 से 90 हजार करोड़ मिलता है. इसे बढ़ा कर सालाना 2 लाख करोड़ किया जा सकता है. मौके पर मछली पालन योजना के लिए लाभार्थियों को चेक दिए गए.