Munger News : मुंगेर. आपकी सेवा में हमेशा तत्पर रहने का दावा करने वाली मुंगेर पुलिस अपने ही लापता सिपाही राहुल कुमार को एक साल बाद भी नहीं ढूंढ़ पायीहै. ढूंढ़ना तो दूर, मुंगेर पुलिस लापता सिपाही के मोबाइल तक का पता नहीं लगा सकी. इस परिस्थिति में मुंगेर पुलिस आखिर कैसे दूसरे लापता लोगों को ढूंढ़ कर लायेगी.
परिजनों की सूचना पर मुंगेर पुलिस को चला था पता
पूर्णिया जिले के रामबाग पिंक सिटी निवासी कांस्टेबल राहुल की तैनाती क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) कोतवाली थाना में थी. वह 4 सितंबर 2023 को अचानक लापता हो गया. रविवार को उसके लापता हुए साल 14 दिन बीत चुके हैं. लेकिन आज तक न तो राहुल का पता लग पाया है और न ही पुलिस उसके मोबाइल को बरामद कर सकी है. मुंगेर पुलिस की हद तो यह है कि दो दिन बाद जब पूर्णिया से परिजन पहुंचे, तब मुंगेर पुलिस को पता चला कि उसका सिपाही लापता है. परिजनों ने उस समय बताया था कि 3 सितंबर को मां से बात हुई थी. लेकिन जब घरवालों ने 4 सितंबर की देर शाम राहुल के मोबाइल पर फोन किया, तो उसका मोबाइल स्विच ऑफ था. फिर अगले दिन 5 सितंबर को भी जब फोन किया, तो उसका मोबाइल स्विच ऑफ ही था. इसके बाद 6 सितंबर को परिजन मुंगेर पहुंचे और एसपी को इसकी सूचना दी. इसके बाद पुलिस हरकत में आयी.
साथी सिपाही के बयान पर दर्ज किया था एफआइआर
परिजनों को फोन पर कोतवाली थाना से मुकम्मल जवाब नहीं मिला, तब परिजन 6 सितंबर की देर शाम मुंगेर के कोतवाली थाना पहुंचे. इसके बाद एसपी को लापता कांस्टेबल राहुल कुमार की जानकरीदी. कोतवाली थाना पुलिस ने उस समय परिजनों को बताया कि राहुल ने 4 सितंबर की शाम 4 बजकर 16 मिनट पर अपने सहयोगी कांस्टेबल सुमन पासवान को मोबाइल पर कॉल कर बोला मैं अपने एक निजी कार्य से कहीं जा रहा हूं. लाल दरवाजा टीओपी पर सरकारी बाइक लगा दी है. तुम वहां से बाइक ले आना. साथी सिपाही बाइक ले आया. लेकिन उसने किसी सीनियर पदाधिकारी को इसकी सूचना नहीं दी थी. कोतवाली थानाध्यक्ष ने भी उसकी खोज नहीं की. जब एसपी सख्त हुए, तो मामले की छानबीन शुरू हुई. इसके बाद बेटवन बाजार फांड़ी के जिस बैरक में वह रहता था, वहां से सरकारी हथियार व उसका पर्स मिला. साथी कांस्टेबल सुमन पासवान के दिये गये आवेदन पर कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी.
25 हजार का इनाम भी हो गया बेकार
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कोतवाली थाना की पुलिस और गठित एसआइटी ने उसकी खोज शुरू की. लेकिन न तो लापता सिपाही मिला और न ही उसका मोबाइल मिल सका. अनुसंधान ने जब दम तोड़ना शुरू किया, तो मुंगेर पुलिस ने 2024 में राहुल की सूचना पाने के लिए 25 हजार का इनाम घोषित किया. लेकिन राहुल के बारे में सूचना देने के लिए आज तक एक भी फोन कॉल तक नहीं आया. यह घोषणा भी बेकार हो गयी है.
कहते हैं पुलिस अधीक्षक