कटिहार. एक पखवारे से चिलचिलाती धूप व उमस भरी गर्मी से दो दिनाें की हुई झमाझम बारिश से राहत मिली है. बारिश से सूख रही धान की फसल में आयी हरियाली से किसानों के चेहरे पर मुस्कान छायी हुुई है. खासकर धान के फलन की अवस्था में पटवन की अधिक जरूरत पड़ती है. एक पखवारे से चिलचिलाती धूप में किसान पटवन को मन ही बना रहे थे. अचानक झमाझम बारिश होने से उनलोगों के पटवन में होने वाली खर्च से बचाव हो गया. झमाझम बारिश से किसानों के धान की फसल लहलहाने लगी है. हालांकि कई किसानों ने बताया कि अधिक बारिश होने की स्थिति में धान के फसल में पीलिया रोग होने की संभावना बन सकती है. दलन पूरब पंचायत के किसान रमेश सिंह, अनिल सिंह, सुरेन्द्र सिंह समेत अन्य की माने तो उनलोगों ने इस वर्ष कई एकड़ में धान की फसल लगाये हुए हैं. कुछ दिनों से बारिश के नहीं होने से धान की फसल सूखने के कगार पर आ गया था. अब तक कई चरणों में धान में पटवन कर दिये थे. अब आखिरी बार पटवन के लिए मंशा बना रहे थे कि दो दिनों से बारिश हो जाने से धान के लिए अमृत के सामान कार्य हो गया. इधर बारिश होने से अचानक तापमान में गिरावट दर्ज की गयी है. जिसके कारण मौसम सुहाना बना हुआ है. कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक पंकज कुमार ने बताया कि झमाझम बारिश से धान की फसल को काफी लाभ पहुंचा है. अब धान के फलन में अनाज भर रहे हैं. ऐसे में बारिश होने से धान की फसल की पैदावार इस बार अधिक होगी इससे नकारा नहीं जा सकता है.
कदवा में सबसे अधिक 15189.644 हेक्टेयर में किया गया धान रोपनी
कृषि विभाग के पदाधिकारियों की माने तो जिले में इस वर्ष 83704 हेक्टेयर में धान रोपनी की गयी है. सबसे अधिक कदवा प्रखंड में 15189.644 हेक्टेयर, अमदाबाद में 1387, आजमनगर में 12407.16 बलरामपुर में 8205, बरारी में 8060.558 हेक्टेयर, बारसोई में 7924.06, डंडखोरा में 2668.87, फलका में 6132, हसनगंज में 1802.4, कटिहार में 2016, कोढ़ा में 6899, कुरसेला में 284, मनिहारी में 4103.8, मनसाही में 1416, प्राणपुर में 3943, समेली में 1256.26 हेक्टेयर कुल 83704.752 हेक्टेयर में धान रोपनी की गयी है.
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