कोड़ा गिरोह गिरिडीह पुलिस के लिए सिरदर्द बनता जा रहा था. लेकिन इस गिरोह के एक कुख्यात सदस्य अनुज कुमार (25) की गिरफ्तारी से पुलिस ने राहत की सांस ली है. अनुज बिहार के कटिहार जिले के रौतारा थाना अंतर्गत रौतारा का रहनेवाला है. पुलिस के अनुसार, शनिवार को अनुज को उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वह जेवर दुकान और बैंकों की रेकी कर रहा था. कार्रवाई के दौरान उसका एक साथी भाग निकला. पुलिस अधीक्षक डॉ विमल कुमार को सूचना मिली थी कि कुछ अपराधी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में है. एसपी ने नगर थाना प्रभारी शैलेश प्रसाद, मुफस्सिल थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो, जमुआ थाना प्रभारी मणिकांत कुमार और तकनीकी शाखा के जोधन महतो को मिलाकर एक टीम गठित की. टीम गिरिडीह शहर और मुफस्सिल इलाके में जगह-जगह वाहनों की जांच-पड़ताल करने लगी. इसी क्रम में भंडारीडीह के शास्त्रीनगर के पास शनिवार को करीब सवा दो बजे नेताजी चौक की तरफ से एक बाइक आती दिखी. उस पर दो व्यक्ति सवार थे. पुलिस ने उन्हें रुकने का इशारा किया, लेकिन बाइक सवार पुलिस को देख बाइक घुमाकर भागने लगे. पुलिस ने खदेड़कर एक युवक को पकड़ लिया, लेकिन दूसरा भीड़ का फायदा उठाकर भाग निकला.
देवघर समेत कई स्थानों पर पुलिस ने मारे छापे
एसपी डॉ विमल कुमार ने बताया कि अपराधी अनुज कुमार कोड़ा गिरोह का सदस्य है. उसके पास से चोरी की मोटरसाइकिल व एक अन्य बाइक, दो फर्जी आधार कार्ड, एक फर्जी सिम लगा की-पेड मोबाइल, मोटरसाइकिल का लॉक तोड़ने वाला लोहे का औजार और 20 हजार रुपये नकद बरामद किया गया. बताया जाता है कि अनुज की गिरफ्तारी के बाद उसकी निशानदेही पर देवघर समेत कई स्थानों पर छापेमारी की गयी है. हालांकि पुलिस को कोई खास उपलब्धि हासिल नहीं हो सकी. शनिवार को अनुज की गिरफ्तारी के बाद उसी रात देवघर में छापेमारी की गयी. पुलिस सूत्रों ने बताया कि छापेमारी से कुछ देर पहले ही गिरोह के सदस्य वहां से निकल चुके थे.
नौ कांडों में शामिल रहा है अनुज कुमार
अनुज कुमार नौ कांडों में शामिल रहा है. उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में उस पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. हाल फिलहाल यह अपनी टीम के सदस्यों के साथ गिरिडीह में आपराधिक वारदात को अंजाम दे रहा था. उत्तर प्रदेश की एक घटना में यह जेल भी जा चुका है. बता दें कि जमुआ थाना कांड संख्या 126/24 और 119/24 में यह क्रमश: बीएनएस 303 (2) और 379 का आरोपी है. इसके अलावे नगर थाना कांड संख्या 189/24 में भी धारा 304 बीएनएस के तहत इसके खिलाफ मामला दर्ज है. बता दें कि इसके अलावे भी कई घटनाओं को इसने गिरिडीह में अंजाम दिया है, जिसकी प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी है. सूत्रों ने बताया कि पुलिस के समक्ष इसने और भी कई कांडों में अपनी संलिप्तता स्वीकारा है.
चलती बाइक से महिलाओं के गले से छीन लेते थे चेन
पिछले छह माह से यह गिरोह गिरिडीह में सक्रिय था, जो छिनतई की घटना को अंजाम दे रहा था. गिरोह लगातार महिलाओं को अपना निशाना बना रहा था. एक-एक दिन में तीन-तीन घटनाओं को अंजाम देकर गिरोह के अपराधी पुलिस को चुनौती दे रहे थे. यह गिरोह चलती बाइक से घटना को अंजाम देता था. सूत्रों ने बताया कि घटना को अंजाम देने से पूर्व रेकी की जाती थी. महिलाओं को अपना लक्ष्य बना चलती बाइक से उनके गले से सोने की चेन खींच लेते थे. सूत्रों का कहना है कि कई स्थानों पर इस गिरोह ने दो-दो बाइक का इस्तेमाल किया. एक बाइक से महिलाओं को चकमा देता था और दूसरे बाइक पर सवार अपराधी सोने की चेन लेकर फरार हो जाते थे.
गिरिडीह में छिनतई कर देवघर में शरण लेता था गिरोह
जिले के कई थाना क्षेत्रों में इस गिरोह के सदस्य छिनतई की घटना को अंजाम देकर देवघर में शरण लेते थे. घटना के बाद पुलिस की सक्रियता के कारण वे जिले में नहीं रुकते थे. सूत्रों का कहना है कि गिरोह के लोगों ने देवघर जिले को अपनी शरण स्थली बना रखी थी. भाड़े के मकान में देवघर में इस गिरोह के लोग रहते थे. घटना की योजना बनाकर गिरिडीह जिले में पहुंचते थे और अंजाम देने के बाद लौट जाते थे. सूत्रों की मानें तो इस गिरोह के 8-9 सदस्य गिरिडीह जिले में सक्रिय थे.
अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ छापे
अनुज की गिरफ्तारी के बाद इस गिरोह के अन्य सदस्य भी पुलिस के टारगेट पर हैं. बताया जाता है कि गिरफ्तारी के बाद अनुज ने कई जानकारियां पुलिस को दी हैं. उस आधार पर पुलिस ने छापेमारी तेज कर दी है. बिहार के औरंगाबाद, कटिहार और झारखंड के देवघर समेत और भी कई जिलों में गिरिडीह पुलिस अपराधियों को ढूंढ़ रही है. हालांकि अनुज की गिरफ्तारी के बाद कोड़ा गिरोह के जिन सदस्यों ने देवघर में शरण ले रखी थी, वे वहां से भाग गये हैं.
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